मलप्पुरम (केरल), आठ अक्टूबर (भाषा) केरल में दहेज उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता जताते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों से तभी निपटा जा सकता है जब ऐसी मानसिकता पैदा की जाए जो उन्हें तुच्छ न समझती हो और उन्हें अपने बराबर स्वीकार करती हो।
राज्यपाल ने मलप्पुरम के मम्पाड में मूसाकुट्टी के घर का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारे पास कानून है, हमारे पास बहुत अच्छी पुलिस है लेकिन फिर भी ये चीजें हो रही है, क्यों? क्योंकि कानून और पुलिस की भूमिका तभी सामने आती है जब अपराध हो चुका होता है।’’
गौरतलब है कि मूसाकुट्टी ने कथित तौर पर दहेज के नाम पर अपनी बेटी का उसके पति द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर ली। उसकी 20 वर्षीय बेटी ने आरोप लगाया है कि उसे अपने पति से दहेज उत्पीड़न का सामना करना पड़ा जिसके कारण उसके पिता ने आत्महत्या कर ली।
शुक्रवार को मूसाकुट्टी के घर का दौरा करने पर खान ने परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप ऐसी मानसिकता पैदा करते हैं जो महिलाओं को तुच्छ नहीं मानती, जब हम महिलाओं को अपने बराबर स्वीकार करते हें, जब हम यह स्वीकार करते हैं कि महिलाएं भी उसी सम्मान की हकदार हैं, तभी ये चीजें खत्म हो सकती है।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि कॉलेजों में दाखिला देने से पहले छात्रों और उनके अभिभावकों को एक प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करने चाहिए कि वे दहेज प्रथा में शामिल नहीं होंगे।
भाषा गोला स्नेहा नरेश
नरेश
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