अगले दलाई लामा पर फैसला स्थापित संस्था करेगी, कोई और नहीं: रीजीजू
अगले दलाई लामा पर फैसला स्थापित संस्था करेगी, कोई और नहीं: रीजीजू
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले दलाई लामा पर फैसला सिर्फ स्थापित संस्था और दलाई लामा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले में कोई और शामिल नहीं होगा।
यह दलाई लामा की ओर से अपने उत्तराधिकारी को लेकर की गई टिप्पणी पर सरकार के किसी वरिष्ठ पदाधिकारी की पहली प्रतिक्रिया है। इसे चीन के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है।
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने बुधवार को कहा था कि दलाई लामा संस्था जारी रहेगी और केवल ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ को ही उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार होगा।
रीजीजू ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दलाई लामा बौद्धों के लिए “सर्वाधिक महत्वपूर्ण और निर्णायक संस्था” हैं।
उन्होंने कहा, “और दलाई लामा को मानने वाले सभी लोगों की राय है कि उत्तराधिकारी का फैसला स्थापित परंपरा के और दलाई लामा की इच्छा के अनुसार होना चाहिए। उनके और मौजूदा परंपराओं के अलावा किसी और को इसे तय करने का अधिकार नहीं है।”
रीजीजू की यह टिप्पणी चीन के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना को खारिज करने और इस बात पर जोर देने के बाद आई है कि भावी उत्तराधिकारी को उसकी मंजूरी मिलनी चाहिए।
बौद्ध धर्म के अनुयायी रीजीजू और उनके साथी केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह छह जुलाई को धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।
रीजीजू ने कहा कि जन्मदिन समारोह एक धार्मिक आयोजन है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
चौदहवें दलाई लामा तिब्बतियों और बौद्ध धर्म की नालंदा परंपरा का पालन करने वाले सभी लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण संस्था हैं।
भाषा पारुल माधव
माधव

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