प्रश्नकाल के निलंबन का निर्णय मनमाना और अलोकतांत्रिक : कांग्रेस

प्रश्नकाल के निलंबन का निर्णय मनमाना और अलोकतांत्रिक : कांग्रेस

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  • Publish Date - September 2, 2020 / 01:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल निलंबित करने के निर्णय को ‘मनमाना और अलोकतांत्रिक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि सदस्यों को उनके विशेषाधिकार से वंचित किया जाना उचित नहीं है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य ने शशि थरूर ने यह दावा भी किया कि सरकार देश की संसद को ‘‘नोटिस बोर्ड’’ बनाने की कोशिश में है।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘संसद सत्र सिर्फ सरकारी कामकाज के लिए नहीं होते हैं, बल्कि सरकार की निगरानी और जवाबदेही के लिए भी होते हैं। लॉकडाउन और फिर चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को खोलने के बाद विलंब से हुआ इस मानसून सत्र का महत्व है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ प्रश्नकाल को हटाने का प्रस्ताव मनमाना, हैरान करने वाला और अलोकतांत्रिक है। यह सदस्यों का विशेषाधिकार और सत्र की जान होता है।’’

थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘ मैंने चार महीने पहले कहा था कि ‘दबंग नेता’ (स्ट्रॉंग लीडर्स) लोकतंत्र और विरोध को खत्म करने के लिए महामारी को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। संसद सत्र से जुड़ी अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की गई है कि इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे उचित कैसे ठहराया जा सकता है?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार से सवाल पूछना संसदीय लोकतंत्र का ऑक्सीजन होता है। ये सरकार संसद को एक नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में और जो भी पारित कराना चाहती है उसके लिए अपने अपने बहुमत को रबर स्टांप के तौर पर इस्तेमाल करती है। जवाबदेही को बढ़ावा देने वाली व्यवस्था को किनारे लगा दिया गया है। ’’

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने आरोप लगाया, ‘‘संसद में प्रश्नकाल को रोकना देश में तानाशाही को कानूनी रूप देने की दिशा में एक कदम है। मीडिया सवाल नहीं कर सकता, विपक्षी के सवाल देशविरोधी हैं, सामाजिक कार्यकर्ताओं के सवाल ‘अर्बन नक्सल’ वाले होते हैं। अब भाजपा सरकार संसद को अपने पार्टी मुख्यालय में बदलना चाहती है।’’

गौरतलब है कि संसद के आगामी मानसून सत्र में न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। कोरोना महामारी के इस दौर में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के बीच होने जा रहे इस सत्र में शून्य काल को भी सीमित कर दिया गया है।

लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और तीन बजे से सात बजे तक चलेगी। शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी।

संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है।

भाषा हक हक माधव

माधव