दिल्ली में तंदूरों में कोयले, जलाऊ लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

दिल्ली में तंदूरों में कोयले, जलाऊ लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

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  • Publish Date - December 9, 2025 / 09:46 PM IST,
    Updated On - December 9, 2025 / 09:46 PM IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) राजधानी में लगातार उच्च प्रदूषण स्तर के बीच, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने शहर के सभी होटलों, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूरों में कोयले और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31 (ए) के तहत जारी आदेश में सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को विशेष रूप से बिजली, गैस-आधारित या अन्य स्वच्छ-ईंधन उपकरणों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।

डीपीसीसी ने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर निर्धारित मानकों से ऊपर दर्ज किया जा रहा है और कोयला आधारित खाना पकाना स्थानीय प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है।

ये निर्देश क्रमिक प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) के तहत पहले के आदेशों का पालन करते हैं, जिसमें उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के लिए चरण-1 कार्रवाई के रूप में तंदूर में कोयले और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध को सूचीबद्ध किया गया है।

शहरी स्थानीय निकायों – जिनमें नगरपालिका एजेंसियों के आयुक्त और मुख्य अभियंता शामिल हैं – को जांच करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत सभी भोजनालय कोयले और जलाऊ लकड़ी का उपयोग तुरंत बंद कर दें।

सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी आदेश को तत्काल कार्रवाई के लिए सभी संबंधित विभागों को स्पीड पोस्ट और ईमेल के माध्यम से भेज दिया गया है।

वहीं, डीपीसीसी ने मंगलवार को एक और आदेश जारी कर विक्रेताओं द्वारा सड़कों के किनारे रखी गई निर्माण सामग्री को हटाने का निर्देश दिया है।

डीपीसीसी ने पाया कि रेत, बजरी, ईंट, सीमेंट, टाइल्स और पत्थरों जैसी सामग्रियों का सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थानों पर अनियंत्रित भंडारण, बिक्री और ढुलाई लगातार उड़ती धूल का स्रोत बन गई है और राजधानी में पीएम10 और पीएम2.5 प्रदूषण का प्रमुख कारण है।

यह नवीनतम निर्देश 21 नवंबर 2025 को जारी जीआरएपी पर सीएक्यूएम के आदेश के अनुरूप है।

अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सड़क और फुटपाथों पर निर्माण सामग्री को अवैध रूप से संग्रहीत या बेचने वाले सभी विक्रेताओं को हटाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी सामग्री खुले में न रखी जाए और न ही परिवहन की जाए।

आदेश में यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक भूमि पर, या निजी भूमि पर बिना उचित ढकाव के पड़ी किसी भी सामग्री को जब्त किया जाए और एमसीडी के नियमों और उपनियमों के तहत दंड लगाया जाए।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश