अभियोजकों को तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब
अभियोजकों को तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब
नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभियोजकों को पर्याप्त डिजिटल बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रदान करने की अपील करने वाली एक याचिका पर मंगलवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अदालत ने कहा कि वे सरकारी कर्मचारी हैं।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने कहा कि निचली अदालतों और उच्च न्यायालय की प्रणाली एक है और यदि उनमें से एक कुशलतापूर्वक काम नहीं कर रही है तो दूसरे का कामकाज प्रभावित होता है और इस मुद्दे को समग्रता से देखने की जरूरत है।
अदालत ने अभियोजन निदेशालय के डिजिटलीकरण से संबंधित एक लंबित मामले में दिल्ली अभियोजक कल्याण संघ द्वारा दायर एक आवेदन पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।
अदालत ने कहा, ”अभियोजक वास्तव में दिल्ली सरकार के कर्मचारी हैं।”
अदालत ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराधिक) संजय लाउ को आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।
पीठ ने कहा, ”इस बीच, दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह) को कानून के अनुसार आवेदक (अभियोजक संघ) द्वारा किए गए अभ्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया जाता है।”
अदालत ने मामले की सुनवाई 12 नवंबर तक स्थगित कर दी।
अधिवक्ता कुशल कुमार के माध्यम से दायर आवेदन में, एसोसिएशन ने कहा कि कोविड-19 के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण, अदालत की सुनवाई और आवेदन दाखिल करने की डिजिटल प्रणाली न्यायिक प्रणाली का हिस्सा बन गई है। एक कुशल डिजिटल अदालत के माहौल के लिए पर्याप्त सुविधाओं / बुनियादी ढांचे की उपलब्धता की आवश्यकता है, लेकिन दिल्ली में लोक अभियोजकों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही।
भाषा जोहेब उमा
उमा

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