अब्दुल्ला आजम खान से जुड़े दो मामलों में उच्च न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रखा

अब्दुल्ला आजम खान से जुड़े दो मामलों में उच्च न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रखा

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  • Publish Date - July 2, 2025 / 10:01 PM IST,
    Updated On - July 2, 2025 / 10:01 PM IST

प्रयागराज, दो जुलाई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान से जुड़े दो मामलों में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

अब्दुल्ला आजम ने दो अलग अलग आपराधिक मामलों के संबंध में दो अलग अलग याचिकाएं दायर कर अदालत से रामपुर की सांसद/ विधायक अदालत में चल रहे मुकदमों की संपूर्ण कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति समीर जैन ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद मंगलवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। पहला मामला अब्दुल्ला के कथित फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला कथित तौर पर दो पैन कार्ड प्राप्त करने से जुड़ा है।

पहले मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई, 2019 को अब्दुल्ला के खिलाफ रामपुर के सिविल लाइंस थाना में पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप है कि अब्दुल्ला ने गलत जन्म तिथि का उपयोग कर पासपोर्ट हासिल किया।

अब्दुल्ला को 10 जनवरी, 2018 को पासपोर्ट जारी किया गया था। पासपोर्ट में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 30 सितंबर, 1990 है, जबकि उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र में यह एक जनवरी 1993 है।

दोहरे पैन कार्ड मामले में भाजपा नेता सक्सेना ने छह दिसंबर, 2019 को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला और आजम खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इस मामले में अब्दुल्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड़यंत्र), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सक्सेना का आरोप है कि अब्दुल्ला ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी हलफनामा में गलत पैन नंबर डाला और आजम खान ने अपने बेटे के लिए दो पैन कार्ड बनवाए थे ताकि वह चुनाव लड़ सके।

भाषा राजेंद्र नोमान

नोमान