नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जैतपुर एक्सटेंशन, बदरपुर समेत राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में अनधिकृत निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध संबंधी याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार, एमसीडी और डीडीए से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और उन्हें 30 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि अवैध निर्माण से दुर्घटनाओं की आशंका है, जिसमें स्थानीय लोगों की जान को खतरे में डालने के अलावा एक इमारत का गिरना भी शामिल है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि जैतपुर एक्सटेंशन-दो में अनधिकृत निर्माण के कारण कॉलोनी निवासियों के लिए कॉलोनी को नियमित कराने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
अधिवक्ता शिव शंकर और अजय कुमार सिंह चौहान द्वारा दायर याचिका में दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और बीएसईएस के अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और इसके परिणामस्वरूप अब तक लगभग 2,500 में से केवल 30 अनधिकृत इमारतों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन 30 मामलों में भी आज तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई है।
इसमें कहा गया है, ‘‘क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माण के कारण कॉलोनी के पुराने निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।’’
भाषा देवेंद्र रंजन
रंजन