(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने बृहस्पतिवार को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) द्वारा 111 गांवों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) आपूर्ति की शुरुआत की, जिससे पीएनजी से जुड़े गांवों की कुल संख्या 241 हो गई।
सक्सेना ने पिछली सरकार पर गांवों तक सुविधाएं सुनिश्चित नहीं करने का आरोप लगाया और राष्ट्रीय राजधानी के विकास के प्रति झुकाव रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकार में गांवों तक सुविधाएं पहुंचाने की इच्छाशक्ति नहीं थी। शायद यह उनकी राजनीति का हिस्सा था। इस सरकार के मंत्री लोगों के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने 111 गांवों तक पीएनजी पहुंचने के बारे में बात करते हुए कहा कि यह महज एक तकनीकी परियोजना नहीं है, बल्कि स्वच्छ और उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ठोस आधार है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ, सुरक्षित और सस्ती ऊर्जा से जोड़ती है, बल्कि दिल्ली को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ राजधानी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह कार्य ‘दिल्ली ग्रामोदय अभियान’ की भावना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य गांवों को शहरी स्तर के बुनियादी ढांचे से लैस करना और समग्र एवं संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।’’
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ‘‘विश्वास की लौ’’ बताते हुए कहा कि यह ग्रामीण दिल्ली के दिल तक पहुंचने वाली स्वच्छ ऊर्जा की किरण है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल एक सुविधा का उद्घाटन नहीं है, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है, जो हर घर में सुरक्षा, सम्मान और सतत विकास लाएगा।’’
पहले चरण में 130 गांव पहले ही शामिल किए जा चुके हैं तथा बृहस्पतिवार को 111 गांव और शामिल हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने शेष 116 गांवों को भी वर्ष के अंत तक जोड़ने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने नहीं सोचा था कि पाइप से 24 घंटे गैस की आपूर्ति होगी। शहरी क्षेत्रों में पाइप से गैस की आपूर्ति होने लगी थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह उपलब्ध नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर यह संभव हुआ। अब भी 116 गांव बचे हैं, जहां इस साल के अंत तक पाइप से प्राकृतिक गैस उपलब्ध करा दी जाएगी।’’
सक्सेना और गुप्ता ने इस अवसर पर 10 उपयोगकर्ताओं को पीएनजी कनेक्शन सौंपने के अलावा दिल्ली के चार गांवों में पीएनजी उपयोगकर्ताओं के साथ डिजिटल माध्यम से बातचीत भी की।
भाषा सुरभि माधव
माधव