पंजाब सरकार ने ड्रोन रोधी प्रणाली खरीदने के लिए केंद्र से 175 करोड़ रुपये मांगे हैं : डीजीपी

पंजाब सरकार ने ड्रोन रोधी प्रणाली खरीदने के लिए केंद्र से 175 करोड़ रुपये मांगे हैं : डीजीपी

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  • Publish Date - December 31, 2025 / 05:46 PM IST,
    Updated On - December 31, 2025 / 05:46 PM IST

चंडीगढ़, 31 दिसंबर (भाषा) पंजाब सरकार ने अगले वित्तवर्ष में 17 ड्रोन रोधी प्रणाली खरीदने के लिए केंद्र से 175 करोड़ रुपये की धनराशि मांगी है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बुधवार को यह जानकारी दी।

शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंजाब पुलिस संगठित अपराध से वैज्ञानिक तरीके से निपटने के लिए दो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू करने जा रही है।

यादव ने यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए राज्य पुलिस की अगले वर्ष की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले ही तीन ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की जा चुकी हैं और छह और प्रणाली को सक्रिय किया जाएगा।’’

यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष में 17 और ड्रोन रोधी प्रणाली खरीदने के लिए केंद्र से 175 करोड़ रुपये देने का अनुरोध किया है एवं इस उद्देश्य के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ के साथ समन्वय में परीक्षण चल रहे हैं, रुचि पत्र जारी की गई है, और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में सर्वोत्तम उपलब्ध प्रणाली की खरीद की जाएगी।’’

यादव ने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता विशेष डीजीपी राम सिंह करेंगे और इसमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिन्हा और नीलाभ किशोर शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ के खिलाफ ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ अभियान के तहत पुलिस को सेफ पंजाब हेल्पलाइन से बड़ी सफलता मिली है।

डीजीपी ने बताया कि संगठित अपराध से वैज्ञानिक तरीके से निपटने के लिए पुलिस दो सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करेगी।

उन्होंने बताया, ‘‘पंजाब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (पीएआईएस) का एक उन्नत संस्करण है, जिसमें आवाज विश्लेषण की सुविधा पहले ही शामिल की जा चुकी है। जब कोई कैदी जेल में प्रवेश करता है, तो उसकी आवाज का नमूना लिया जाता है। इसे चेहरे की पहचान करने में सक्षम बनाया जा रहा है।’’ यादव ने कहा कि इसका उपयोग संगठित अपराध के खिलाफ प्रभावी ढंग से किया जाएगा।

डीजीपी ने बताया कि दूसरा, संगठित अपराध सूचना सॉफ्टवेयर का संस्करण 2.0 अगले साल चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक प्रश्न-आधारित खोज प्रणाली होगी। इसे राष्ट्रीय डेटाबेस के साथ सूचनाओं के निर्बाध आदान-प्रदान के लिए एनआईए के संगठित अपराध सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है।’’

यादव ने आपराधिक रिकॉर्ड सत्यापन प्रणाली के साथ पासपोर्ट जारी करने की प्रणाली को जोड़ने के बारे में भी बात की ताकि अपराधी खामियों का फायदा उठाकर देश से भाग न सकें।

भाषा धीरज रंजन

रंजन