दिल्ली पुलिस संदिग्धों की पहचान में तेजी के लिए ‘फेस स्केच-मैचिंग’ तकनीक का इस्तेमाल करेगी

दिल्ली पुलिस संदिग्धों की पहचान में तेजी के लिए ‘फेस स्केच-मैचिंग’ तकनीक का इस्तेमाल करेगी

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  • Publish Date - May 12, 2025 / 07:23 PM IST,
    Updated On - May 12, 2025 / 07:23 PM IST

नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) दिल्ली पुलिस जल्द ही एक ‘रिवर्स इमेज सर्च’ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू करेगी, जो संदिग्धों के स्केच को आपराधिक तस्वीरों के अपने डेटाबेस से मिलान कर सकता है, जिससे आरोपी व्यक्तियों की पहचान करने में लगने वाले समय और प्रयास में काफी कमी आएगी। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित किया जा रहा ‘इमेज रिकंस्ट्रक्शन सॉफ्टवेयर’ प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर तैयार किए गए चेहरे के स्केच को पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद डिजिटल इमेज से जल्दी से जल्दी मिलान करने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करेगा।

पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘‘पहले, ऐसी तुलना पारंपरिक रूप से करनी पड़ती थी, जो ज्यादा समय लेती थी और उसमें सटीकता का अभाव होता था। यह नया सॉफ्टवेयर प्रक्रिया को स्वचालित करता है और संदिग्ध की पहचान की सटीकता को बढ़ाता है।’’

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर खासतौर पर हत्या, डकैती और यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उपयोगी है, जहां एकमात्र सुराग पीड़ित या गवाह की याददाश्त पर आधारित स्केच हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यह उन मामलों में भी मददगार होगा, जहां संदिग्ध की कोई सीधी तस्वीर या सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है।

अधिकारी ने बताया, ‘‘यह उपकरण… ऐसे मामलों को सुलझाने में गेम चेंजर साबित हो सकता है जहां सुराग सीमित हैं।’’

दिल्ली पुलिस पहले से ही कई फोरेंसिक और डेटा रिकवरी तकनीकों का उपयोग कर रही है, जिसमें स्टोरेज डिवाइस और मोबाइल फोन से फिर से डेटा प्राप्त करने के लिए सॉफ्टवेयर भी शामिल है।

भाषा

सुरेश अविनाश

अविनाश