दिल्ली दंगा : अदालत ने पुलिस आयुक्त को सीडीआर दाखिल होने के मामले में आईओ को संवेदनशील बनाने को कहा
दिल्ली दंगा : अदालत ने पुलिस आयुक्त को सीडीआर दाखिल होने के मामले में आईओ को संवेदनशील बनाने को कहा
नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही एक सत्र अदालत ने शहर के पुलिस आयुक्त से कहा है कि वह सभी जांच अधिकारियों (आईओ) को ऐसे सभी मामलों में मोबाइल फोन सेवा प्रदाताओं के नोडल अधिकारियों को गवाह बनाने के बारे में संवेदनशील बनाएं, जिनमें कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) अदालत के समक्ष पेश किए गए हैं।
अदालत ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से आईओ को सीडीआर का पूरा सेट अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश देने को भी कहा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला गोकुलपुरी थाने द्वारा दर्ज 2020 दंगों के मामले की सुनवाई कर रहे थे, जो अभियोजन साक्ष्य के चरण में था।
अभियोजन पक्ष ने पहले 19 मोबाइल फोन नंबरों के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, जिसके बाद एक सेवा प्रदाता के नोडल अधिकारी से अभियोजन गवाह के रूप में जिरह की गई थी।
अदालत ने सोमवार को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘जिरह के दौरान, इस गवाह ने कहा कि उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए सीडीआर का पूरा सेट पेश नहीं किया गया और इसके केवल दो पन्ने ही पेश किए गए हैं।’’
इसमें कहा गया कि आईओ यह बताने के लिए उपस्थित नहीं थे कि सीडीआर का पूरा सेट रिकॉर्ड पर क्यों नहीं रखा गया।
अदालत ने कहा कि कुल 19 मोबाइल फोन नंबर थे, जिनमें से नोडल अधिकारी ने आईओ को सात के बारे में जानकारी दी थी।
अदालत ने कहा कि अन्य 12 नंबरों के संबंध में सामग्री अन्य नोडल अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई थी।
हालांकि, गवाहों की सूची में अन्य नोडल अधिकारियों के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है।
अदालत ने कहा, ‘‘यह आईओ का काम है कि वह संबंधित नोडल अधिकारी के नाम का पता लगाए, जिससे उसने सीडीआर की विशेष प्रमाणित प्रतियां प्राप्त की हैं और गवाहों की सूची में ऐसे नोडल अधिकारी के नाम का उल्लेख किया जाए।’’
भाषा शफीक देवेंद्र
देवेंद्र

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