नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के एक मामले में यहां की एक अदालत ने मंगलवार को डकैती और आगजनी के आरोपी पांच लोगों को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया कि आरोपों के समर्थन में रिकॉर्ड में कोई सबूत नहीं है।
अदालत ने हालांकि कहा कि वे दंगा, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और लोकसेवक के विधिवत आदेश की अवज्ञा के आरोप में मुकदमे का सामना करेंगे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला पांच लोगों के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिन पर 25 फरवरी 2020 को शिकायतकर्ता के घर से 10 तोला सोने के आभूषण और 90,000 रुपये लूटने के अलावा तोड़फोड़ और आगजनी करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।
न्यायाधीश ने संबंधित मामले में आरोपियों को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया कि आरोपों के समर्थन में रिकॉर्ड में कोई सबूत नहीं है।
हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड में रखे गए सबूतों के आधार पर आरोपी व्यक्ति दंगा करने, घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने तथा लोकसेवक द्वारा विधिवत जारी किए गए आदेश की अवज्ञा करने के अपराध के आरोपों में मुकदमे का सामना करेंगे।
संबंधित मामले में खजूरी खास थाना पुलिस ने महबूब आलम, मंजूर आलम, मोहम्मद नियाज, नफीस और मंसूर आलम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
भाषा
नेत्रपाल माधव
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