Demand For SIR Ban: SIR रोकने की मांग, संसद परिसर में राहुल, सोनिया गांधी, खरगे समेत विपक्ष के नेताओं का प्रदर्शन

Demand for SIR ban: कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्षी नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज संसद परिसर में एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 01:03 PM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 01:06 PM IST

Demand For SIR Ban, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • एसआईआर अत्यधिक दबाव वाली कवायद 
  • अविश्वास की स्थिति से गुजर रही जनता
  • बीएलओ शिक्षक दिन-रात काम करने को मजबूर

दिल्ली: Demand for SIR ban in parliament, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्षी नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज संसद परिसर में एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से तुरंत एसआईआर रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

इसके पहले बीते दिन कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोमवार को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की गई। टैगोर ने इसे ‘अभूतपूर्व संकट’ से जोड़ते हुए गंभीर सवाल उठाए।

Demand For SIR Ban, अपने नोटिस में टैगोर ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई यह प्रक्रिया एकतरफा, तानाशाही और बिना किसी तैयारी के शुरू कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने न तो शिक्षकों से कोई चर्चा की, न राज्यों के साथ समन्वय किया और न ही जनता की परेशानियों का ध्यान रखा।

एसआईआर अत्यधिक दबाव वाली कवायद

टैगोर ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह एसआईआर प्रक्रिया एक एकाधिकारवादी, अचानक लागू की गई और अत्यधिक दबाव वाली कवायद बन चुकी है। टैगोर ने इसे ‘संस्थागत क्रूरता’ करार दिया। उन्होंने कहा कि न तो आत्महत्याओं की निगरानी की कोई व्यवस्था है, न मानसिक स्वास्थ्य सहायता, न मुआवजा प्रावधान और न किसी प्रकार का आपातकालीन प्रोटोकॉल।

अविश्वास की स्थिति से गुजर रही जनता

उन्होंने कहा कि आम जनता भी इस प्रक्रिया की वजह से भ्रम, घबराहट, बार-बार होने वाले सत्यापन और अविश्वास की स्थिति से गुजर रही है। कांग्रेस सांसद ने कहा, “जब मतदाता सूची तैयार करने वाले कर्मचारी ही भारी दबाव में गिरने लगें, तो लोकतंत्र की विश्वसनीयता भी गिर जाती है।”

बीएलओ शिक्षक दिन-रात काम करने को मजबूर

सांसद ने कहा कि बीएलओ शिक्षक दिन-रात काम करने को मजबूर हैं। वे कक्षा और चुनावी कार्य के बीच फंसे हुए हैं। कई लोग थकावट के कारण गिर पड़े, कुछ की मौत हो गई और कुछ ने आत्महत्या तक कर ली। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने अब तक कोई जांच नहीं कराई है और न ही राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों के हिसाब से बीएलओ की मौतों के आंकड़े जारी किए हैं।

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संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किसने किया?

सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में एसआईआर प्रक्रिया रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

एसआईआर (Special Intensive Revision) क्या है?

एसआईआर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सत्यापन, मिसमैच हटाने और सूची अपडेट करने का काम किया जाता है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया बिना तैयारी, अचानक और दबावपूर्ण तरीके से लागू की गई।

विपक्ष इसे रोकने की मांग क्यों कर रहा है?

विपक्ष के अनुसार: यह एक एकतरफा और तानाशाही निर्णय है। शिक्षकों व राज्यों से कोई परामर्श नहीं हुआ। मतदाता और बीएलओ दोनों अत्यधिक दबाव में हैं। भ्रम, बार-बार सत्यापन और अविश्वास का वातावरण बना है।