साहित्यकार अन्नाभाऊ साठे को भारत रत्न दिए जाने की लोकसभा में उठी मांग

साहित्यकार अन्नाभाऊ साठे को भारत रत्न दिए जाने की लोकसभा में उठी मांग

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  • Publish Date - July 30, 2024 / 10:04 PM IST,
    Updated On - July 30, 2024 / 10:04 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) लोकसभा में मंगलवार को प्रसिद्ध साहित्यकार अन्नाभाऊ साठे को भारत रत्न दिए जाने की मांग की गई।

कांग्रेस सदस्य वर्षा गायकवाड़ ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि साठे ने 35 उपन्यास, 10 पटकथाएं, 24 लघु कथाएं, 10 गाथाएं (जिसे मराठी में ‘पोवाड़ा’ भी कहा जाता है) और रूस पर एक यात्रा वृत्तांत लिखा।

साठे की 104वीं जयंती एक अगस्त को है।

गायकवाड़ ने कहा कि साठे के उपन्यास फकीरा को 1961 में महाराष्ट्र सरकार का पुरस्कार मिला था। कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने अपनी कहानियों में दलितों और मजदूर वर्ग के जीवन का वर्णन किया।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि रेलवे में सुरक्षा अब एक चुनौती बन गई है और हर दूसरे दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

बंद्योपाध्याय की टिप्पणी उस वक्त आई जब झारखंड में हावड़ा-मुंबई मेल पटरी से उतर गई। उन्होंने कहा, ‘रेलवे में सुरक्षा अब एक चुनौती बन गई है। हर रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं, मैं पिछले कई सालों से रेलवे संबंधी स्थायी समिति का अध्यक्ष था। मैंने बार-बार कहा है कि रेलवे में सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और अब दुर्घटनाएं नियमित रूप से हो रही हैं।’

नैनीताल से भाजपा सदस्य अजय भट्ट ने मांग की कि सरकार उत्तराखंड को अग्निशमन उपकरणों को उन्नत करने के लिए विशेष अनुदान दे और जंगल में आग की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन सेवा विभाग में नियुक्तियां करे।

भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव यूनियन कार्बाइड संयंत्र से निकलने वाले जहरीले कचरे के निपटान की प्रक्रिया में तेजी लाएं।

भोपाल में दो दिसंबर 1984 को गैस रिसाव की घटना हुई थी।

शिवसेना-यूबीटी सदस्य अरविंद सावंत ने कहा कि केंद्र सरकार के हर मंत्री को बीएसएनएल का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि वे समझ सकें कि कहां सेवा उपलब्ध है और कहां नहीं।

असम से कांग्रेस सदस्य रकीबुल हुसैन ने मांग की कि सरकार ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों से कटाव की समस्या के अध्ययन के लिए सांसदों की एक विशेष टीम वहां भेजे।

हुसैन ने कहा, ‘ब्रह्मपुत्र और 33 सहायक नदियां ऐसी हैं जिनसे रातोंरात हजारों एकड़ जमीन कट जाती है। सौ बीघा जमीन का मालिक रातोंरात भूमिहीन हो जाता है। उसी व्यक्ति को दिल्ली में घुसपैठिया कहा जाता है।’

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश

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