उत्तराखंड के लिये भू- कानून बनाने को लेकर जंतर मंतर पर धरना

उत्तराखंड के लिये भू- कानून बनाने को लेकर जंतर मंतर पर धरना

उत्तराखंड के लिये भू- कानून बनाने को लेकर जंतर मंतर पर धरना
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: July 20, 2021 10:25 am IST

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड में जन, जल, जंगल व ज़मीन को बचाने के वास्ते भू- कानून बनाने और वनों पर उत्तराखंडियों के पुश्तैनी हक़-हकूक बहाल करने की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न संगठनों और नागरिक समाज के सदस्यों ने मंगलवार को यहां जंतर मंतर पर सांकेतिक धरना दिया और इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा।

एक बयान में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अन्य हिमालयी राज्यों की तरह उत्तराखंड की ज़मीनों को बचाने के लिए कानून बनाया जाए।

वनाधिकार आंदोलन के संस्थापक किशोर उपाध्याय के हवाले से बयान में मांग की गई है कि वनाधिकार क़ानून-2006 को राज्य में लागू किया जाए और वनाधिकार क़ानून की भावना के अनुरूप उत्तराखंडियों को वनों पर उनके विरासती सामुदायिक और व्यक्तिगत अधिकार उन्हें वापस किए जाएं।

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उन्होंने कहा, “राज्य की 91 प्रतिशत भूमि उत्तराखंडियों ने राष्ट्र व मानवता की रक्षा के लिये समर्पित कर रखी है। मात्र नौ प्रतिशत भूमि पर राज्य के निवासी गुज़र-बसर कर रहे हैं। इसलिए राज्य के निवासियों को क्षतिपूर्ति दी जाए।”

भाषा

नोमान शाहिद

शाहिद


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