Difficulties may increase for passengers, 35 thousand railway employees

यात्रियों की बढ़ सकती है मुश्किलें, हड़ताल पर जाएंगे 35 हजार रेलवे कर्मचारी, मांगो को अनदेखा करने पर लिया फैसला

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : May 22, 2022/3:03 pm IST

नई दिल्ली। रेल प्रशासन द्वारा ट्रेनों के कैंसिल किए जाने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच यात्रियों के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है। इस खबर के मुताबिक इस महीने के अंत में रेल सेवा प्रभावित हो सकती हैं, इतना ही नहीं इस दिन ट्रेन के पहिए पूरी तरह से थम सकते हैं।

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एक साथ हड़ताल पर जाएंगे 35 हजार स्टेशन मास्टर

दरअसल देशभर के लगभग 35 हजार स्टेशन मास्टरों ने एक साथ हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। उन्होंने अपनी ओर से रेलवे बोर्ड को एक नोटिस भेजा है। इस नोटिस में स्टेशन मास्टरों ने आगामी 31 मई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। सभी स्टेशन मास्टर अपनी मांगों को लेकर लगातार रेल प्रशासन को अवगत कराते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है।

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सामूहिक अवकाश पर जाने के अलावा नहीं है कोई चारा

ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे के अनुसार अब उनके पास सामूहिक अवकाश पर जाने के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में पूरे देश में 6 हजार से भी ज्यादा स्टेशन मास्टरों की कमी है और रेल प्रशासन इस पद पर कोई भर्ती नहीं कर रहा है। इस वजह से इस समय देश के आधे से भी ज्यादा स्टेशनों पर महज दो स्टेशन मास्टर पोस्टेड हैं। हम चाहते हैं कि उनके संवर्ग में खाली पदों को जल्द भरा जाए।

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12 घंटे काम कर रहे हैं सभी

उन्होंने आगे बताया कि स्टेशन मास्टरों की शिफ्ट आठ घंटे की होने के बाद भी स्टाफ की कमी की वजह से सभी हर रोज 12 घंटे की शिफ्ट कर रहे हैं। जिस दिन किसी स्टेशन मास्टर का साप्ताहिक अवकाश होता है, उस दिन किसी दूसरे स्टेशन से कर्मचारी बुलाना पड़ता है। ऐसे में यदि किसी स्टाफ की तबीयत खराब हो जाए या उनके घर में कोई इमर्जेंसी हो जाए तो परेशानी और अधिक बढ़ जाती है।

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स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने अचानक नहीं लिया निर्णय

धनंजय चंद्रात्रे के अनुसार स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने यह निर्णय अचानक नहीं लिया, यह निर्णय लंबे संघर्ष के बाद लिया गया है। वह भी तब, जब रेल प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना। इससे पहले एस्मा पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर भी विरोध जताया था और कई सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किए थे, जिस दौरान ट्रेनों का परिचालन प्रभावित नहीं हुआ।

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ये है स्टेशन मास्टरों की मांग

स्टेशन मास्टरों ने रेलवे बोर्ड के सीईओ को सभी मांगें भेजी हैं। उनके अनुसार, रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाए। सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल किया जाए। स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान किया जाए। संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन हो। ट्रेनों के सुरक्षित और समय पर चलने में उनके योगदान के लिए स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता दिया जाए। रेलवे का निजीकरण व निगमीकरण रोका जाए। साथ ही न्यू पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।