नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ (आरएसएस) की ‘‘संगठन शक्ति’’ की तारीफ कर अपने दल के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी।
हालांकि, सिंह ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि वह आरएसएस तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के धुर विरोधी हैं और उन्होंने सिर्फ संगठन की तारीफ की है।
सूत्रों के अनुसार, दिग्विजय ने कार्य समिति की बैठक के दौरान भी पार्टी संगठन में विक्रेंद्रीकरण की पैरवी की।
सूत्रों ने यह भी बताया कि सिंह को कुछ वरिष्ठ नेताओं ने टोका और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी टोकते हुए यह कहा कि अभी और नेताओं को बोलना है।
कार्य समिति की बैठक शुरू होने से पहले दिग्विजय सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पुरानी तस्वीर साझा की जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे की तरफ नीचे बैठे हुए हैं तथा उनके पीछे भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं।
सिंह ने पोस्ट किया, ‘‘कोरा वेबसाइट पर मुझे यह चित्र मिला। बहुत ही प्रभावशाली है। किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ भाजपा का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। यह संगठन की शक्ति है। जय सियाराम।’’
विवाद खड़ा होने पर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने संगठन की तारीफ की है। मैं आरएसएस और मोदी जी का घोर विरोधी था, घोर विरोधी हूं और रहूंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कार्य समिति की बैठक में विकेंद्रीकरण की पैरवी की है, सिंह ने कहा, ‘‘मुझे जो कहना था, वो मैंने बैठक के दौरान कह दिया।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘क्या संगठन को मजबूत करना या उसकी तारीफ करना, बुरी बात है।’’
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर आप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर मेरे कार्यकाल को देखेंगे तो पाएंगे कि मैंने विकेंद्रीकृत तरीके से काम किया। यह मेरा विचार है।’’
कार्य समिति की बैठक से पहले और बैठक के दौरान सिंह का यह रुख कांग्रेस नेताओं को असहज करने वाला था।
बैठक के बाद जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया तो पत्रकारों के सवाल नहीं लिए।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह वर्तमान में राज्यसभा और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य हैं। राज्यसभा का उनका कार्यकाल अगले साल 21 जून को खत्म हो रहा है।
भाषा हक
हक माधव
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