Do this small work secretly while worshiping Shani Dev today

आज शनिदेव की पूजा करते समय चुपके से कर लें ये छोटा सा काम, चमक जाएगी किस्मत, बरसेगा धन

आज का राहुकाल दिन को 09 बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।, Do this small work secretly while worshiping Shani Dev today

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : March 5, 2022/11:54 am IST

धर्म। Puja vidhi for shani dev :  आज फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि है। पूरे सच्चे मन से शनिदेव की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होगी। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आएगी। शनिदेव की आराधना करने से जीवन में आनी वाली हर बाधाएं दूर हो जाती है। आज का राहुकाल दिन को 09 बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

यह भी पढ़ें:  पहले के मुकाबले अब घर पर रख सकेंगे 4 गुना अधिक शराब, 1 अप्रैल से लागू होगी नई आबकारी नीति

शनि राहु देता है पूर्वजन्म के फल – ओंकार मंत्र से करें कष्ट दूर –

नवग्रहों में शनि देव को दण्डनायक का पद प्राप्त है जो व्यक्ति को उनके पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार सजा भी देते हैं और पुरस्कार भी। राहु का फल भी शनि की भांति पूर्व जन्म के अनुसार मिलता है। राहु व्यक्ति के पूर्व जन्म के गुणों एवं विशेषताओं को लेकर आता है ।

शनि एवं राहु दोनों ही ग्रह दुःख, कष्ट, रोग एवं आर्थिक परेशानी देने वाले होते हैं. परंतु, जन्मपत्री में ये दोनों अगर शुभ स्थिति में हों तो बड़े से बड़ा राजयोग भी इनके समान फल नहीं दे सकता. यह व्यक्ति को प्रखर बुद्धि, चतुराई, तकनीकी योग्यता प्रदान कर धन-दौलत से परिपूर्ण बना सकते हैं. ऊँचा पद, मान-सम्मान एवं पद प्रतिष्ठा सब कुछ इन्हें प्राप्त होता है। दसम का शनि यदि सप्तम स्थान में हो तो दसम का दसम राजयोग कारक होता है। अतः शनि राहु की स्थिति अनुकूल होने पर जीवन में कार्यक्षेत्र में सफलता तथा यश की प्राप्ति होती है। शनि के अनुकूल होने और व्यवहार में न्यायप्रियता होने की स्थिति में शनि किसी भी व्यक्ति को दुख, हानि तथा कष्ट नहीं दे सकता। शनि की दशा या अंतरदशा में व्यक्ति के साथ हमेशा न्याय होगा और उसे राजयोग की प्राप्ति होगी ही।

यह भी पढ़ें: पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने चुनाव से पहले ठोका ताल, कहा- हम तो हैं योद्धा

worshiping Shani Dev today : यदि कार्यक्षेत्र में असफलता प्राप्त हो रही हो तो शनि की शांति हेतु मंत्रजाप, तिल का दान एवं राहु हेतु पितृशांति कराना चाहिए। सूक्ष्म जीवों की सेवा एवं दीपदान करना चाहिए।
ॐ शब्द तीन ध्वनियों से बना हुआ है- अ, ह, म इन तीनों ध्वनियों का अर्थ उपनिषद में भी आता है। ये ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी है और ये भू- लोक, भव- लोक और स्वर्ग लोग का प्रतीक है। प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ का उच्चारण जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ का उचारण जप माला से भी कर सकते हैं। प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें।

यह भी पढ़ें:  एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी में संविदा कर्मचारी, आदेशों की प्रतियां जलाकर किया विरोध

किसी भी मंत्र में उच्चारण के आरंभ में ॐ अवश्य लगाया गया है। ॐ का उच्चारण अत्यंत प्रभावशाली और चमत्कारिक लाभ पहुंचाने वाला माना गया है। जानते हैं कि ॐ के उच्चारण से क्या होते हैं लाभ और क्या हैं इसके जाप की विधि।

यह भी पढ़ें:  वन विभाग के SDO पर अपनी पत्नी का Facebook अकाउंट हैक करने का आरोप, दर्ज हुआ IT के तहत मामला

ॐ जाप के फायदे-
• ॐ का उच्चारण करने मात्र से ही शारीरिक और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है।
• ॐ का उच्चारण और जाप करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
• यदि सही प्रकार से पूर्ण ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
• माना जाता है कि नियमित रूप से ॐ का जाप करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
• नियमित तौर पर ॐ का उच्चारण व जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।