एम्स, अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर आईएमए के प्रदर्शन का समर्थन किया

एम्स, अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर आईएमए के प्रदर्शन का समर्थन किया

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  • Publish Date - December 11, 2020 / 10:25 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) एम्स समेत दिल्ली के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का प्रशिक्षण देने के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ आईएमए के प्रदर्शन का शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर समर्थन किया।

आईएमए ने गैर-जरूरी तथा गैर-कोविड सेवाएं दे रहे डॉक्टरों से शुक्रवार सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है।

एम्स के अलावा एलएनजेपी अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, बीएसए अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल तथा निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों ने बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर काम किया।

एम्स-दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ”यह कदम न केवल पहले ही जड़ें जमा चुकी झोलाछाप व्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी। हम सरकार से इस अधिसूचना को तत्काल वापस लेने का अनुरोध करते हैं। ”

बयान में कहा गया है, ”हम इस संबंध में अपनी चिकित्सा बिरादरी के साथ खड़े हैं और भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा किये गए हड़ताल के आह्वान का समर्थन करते हैं।”

दिल्ली के विभिन्न रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशनों के शीर्ष निकाय ‘फोर्डा’ के अध्यक्ष शिवाजी देव वर्मन ने कहा कि डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट करते हुए काम जारी रखेंगे।

आईएमए ने कहा है कि भारतीय केन्द्रीय औषधि परिषद (सीसीआईएम) की ओर से जारी अधिसूचना में आयुर्वेद चिकित्सकों को कानूनी रूप से सर्जरी करने की अनुमति देने तथा सभी चिकित्सा पद्धतियों के एकीकरण के लिये नीति आयोग द्वारा चार समितियों के गठन की इजाजत देने से ”अव्यवस्था” बढ़ेगी।

भाषा जोहेब मनीषा नरेश

नरेश