डोलू ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा: न्यायालय ने कछार डीएलएसए सचिव से पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट मांगी

डोलू ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा: न्यायालय ने कछार डीएलएसए सचिव से पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट मांगी

डोलू ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा: न्यायालय ने कछार डीएलएसए सचिव से पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट मांगी
Modified Date: April 22, 2024 / 08:24 pm IST
Published Date: April 22, 2024 8:24 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को असम के कछार जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव से इस बारे में रिपोर्ट मांगी कि क्या डोलू चाय बागान में कोई पेड़ काटा गया है जहां ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण प्रस्तावित है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने सचिव से क्षेत्र में हुई गतिविधि की प्रकृति के बारे में अवगत कराने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा।

शीर्ष अदालत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ तापस गुहा और अन्य द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी।

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एनजीटी ने निर्माण के खिलाफ उनकी याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह समय पूर्व है।

याचिका में व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) होने तक हवाई अड्डे के निर्माण से संबंधित आगे की कार्रवाई को रोकने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ईआईए रिपोर्ट के बिना चाय बागान में झाड़ियों को हटा दिया गया।

भूषण ने कहा कि ईआईए और पर्यावरण मंजूरी के बिना ही डोलू चाय बागान में बड़े पैमाने पर पेड़ों को भी गिरा दिया गया।

याचिकाकर्ताओं के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पेड़ काटने के आरोप का खंडन किया और कहा कि याचिकाकर्ता किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने 8 अप्रैल को असम सरकार को डोलू चाय बागान में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव


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