राजौरी/जम्मू, एक मई (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान किसी का अधिकार नहीं छीन सकते।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ समूह का गठन लोगों को एकजुट करने और मौजूदा सरकार द्वारा पेश की गई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए किया गया था। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार देश और संविधान के अस्तित्व के लिए खतरा है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला पार्टी उम्मीदवार मियां अल्ताफ के पक्ष में राजौरी जिले के थानामंडी इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘इस देश को धर्म के आधार पर नहीं बांटें, नहीं तो एक तूफान उठेगा जिससे देश का अस्तित्व मुश्किल हो जाएगा। लोगों को विभाजित करने के बदले देश को एकजुट करने के बारे में बात करना बेहतर है।’’
राजौरी अनंतनाग संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है और यहां 25 मई को छठे चरण में मतदान होना है। अल्ताफ का मुख्य मुकाबला पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से है, हालांकि मैदान में 18 अन्य उम्मीदवार भी हैं।
मोदी के एक हालिया भाषण की आलोचना करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम मुसलमान हैं और हमारे अल्लाह ने हमें अन्य धर्मों का सम्मान करने के लिए कहा है… कोई मुसलमान किसी का अधिकार नहीं छीन सकता।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर देश में हिंदू और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया।
नेकां नेता ने कहा, ‘‘जो इस गठबंधन (इंडिया) के खिलाफ है, वह देश के खिलाफ है। वे उन लोगों के साथ हैं जो हमें विभाजित करना चाहते हैं।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ”उनके लिए मतदान करने वालों को याद रखना चाहिए कि वे नरक के लिए तैयार रहें।”
उन्होंने कहा कि मुस्लिम-बहुल जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 1947 में पाकिस्तान के बजाय महात्मा गांधी के भारत को चुना, क्योंकि भारत के संविधान के अनुसार हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध और ईसाइयों को समान माना जाता था।
उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, आजादी के लिए कई बलिदान दिए, जबकि ‘संघ’ कथित तौर पर अंग्रेजों को खुश करने में लगा था।
भाषा अविनाश सुरेश
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