पहले की सरकारें मजबूरी में सुधार करती थीं, अब हम दृढ़ विश्वास के साथ ऐसा करते हैं: मोदी
पहले की सरकारें मजबूरी में सुधार करती थीं, अब हम दृढ़ विश्वास के साथ ऐसा करते हैं: मोदी
नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जहां पूर्व की सरकारें मजबूरी में सुधार करती थीं, वहीं उनकी सरकार इसे पूरी दृढ़ता के साथ करती है और हर जोखिम को सुधार में बदल दिया है।
मोदी ने यहां ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट’ को संबोधित करते हुए कि भारत अब आतंकवादी हमलों के बाद चुप नहीं रहता, बल्कि सर्जिकल और हवाई हमलों के जरिये जवाब देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व की सरकारें मजबूरी में सुधार करती थीं, अब हम उन्हें दृढ़ विश्वास के साथ करते हैं। अनजान दौर दुनिया के लिए अनिश्चित हो सकता है, लेकिन भारत के लिए यह अवसर है क्योंकि वह (भारत) हमेशा जोखिमों को सुधारों में बदलता रहा है।’
मोदी ने कहा, ”…लेकिन हमने हर सुधार को दृढ़ता में और हर दृढ़ता को क्रांति में बदल दिया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत अब आतंकवादी हमलों के बाद चुप नहीं रहता बल्कि हवाई हमलों, सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मुंहतोड़ जवाब देता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब युद्ध विश्व स्तर पर सुर्खियां बन गए, तब भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ते हुए आलोचकों को गलत साबित कर दिया।’’
उन्होंने कहा कि भारत रुकने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ आज जब दुनिया में भांति-भांति के ‘रोड ब्लॉक’ हैं, ‘स्पीड ब्रेकर’ हैं, तब ‘अनस्टॉपेबल’ भारत की चर्चा बहुत स्वाभाविक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम न रुकेंगे और न ही थमेंगे। एक सौ चालीस करोड़ भारतीय पूरी गति के साथ एक साथ आगे बढ़ेंगे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं ( फ्रेजाइल फाइव) से निकलकर दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है…चिप से लेकर शिप तक, भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से भरा हुआ है।’’
कांग्रेस शासन के दौरान बैंकों के राष्ट्रीयकरण से बैंकों के लिए गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों का पहाड़ बनने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि वित्तीय और अन्य संस्थानों का लोकतंत्रीकरण ‘अनस्टॉपेबल’ भारत के पीछे प्रमुख ताकत है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं और जब सरकार का कोई दबाव या हस्तक्षेप नहीं होता तो वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के मामले में सबको गलत साबित कर दिया है। दुनिया भारत को भरोसेमंद, जिम्मेदार, मजबूत सहयोगी और अवसरों की धरती के तौर पर देखती है।’’
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश

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