श्रीनगर, चार दिसंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बारे में राजनीतिक दलों की आशंकाओं को दूर करने के लिए उनकी एक बैठक बुलानी चाहिए।
अब्दुल्ला ने सेना की जेएकेएलआई रेजिमेंट की पासिंग आउट परेड के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसी आशंकाएं हैं और बेहतर होगा कि निर्वाचन आयोग हम जैसे लोगों को बुलाकर समझाए कि एसआईआर वास्तव में क्या है क्योंकि हमने देखा है कि मशीनों के जरिए चुनाव में चोरी तो नहीं होती, लेकिन उनमें निश्चित रूप से हेरफेर होता है।’
अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में 2023 के परिसीमन को चुनावों में हेरफेर बताया।
उन्होंने कहा, ‘आपने राजनीतिक लाभ के लिए सात सीटें बनाईं, जिससे एक ही पार्टी या उसके सहयोगियों को फायदा हुआ। चुनावों में इसी तरह हेरफेर किया जाता है। इसलिए एसआईआर को लेकर आशंकाएं हैं कि एसआईआर के जरिए चुनावों में हेरफेर किया जा सकता है।’
मुख्यमंत्री ने परेड में शामिल हुए लगभग 713 युवाओं को जेएकेएलआई में प्रवेश के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जेएकेएलआई का जम्मू कश्मीर के साथ घनिष्ठ संबंध है, क्योंकि यह देश की सीमाओं की रक्षा करता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बृहस्पतिवार को भारत आगमन पर अब्दुल्ला ने कहा कि नयी दिल्ली और मास्को के बीच अच्छे संबंध बहुत पुराने हैं।
उन्होंने कहा, ‘रूस के साथ हमारे बहुत पुराने और गहरे संबंध हैं। जब हमारे पड़ोसियों द्वारा भारत के खिलाफ षड्यंत्र, युद्ध और यहां तक कि हमले भी किए गए तो वह समय-समय पर भारत के साथ खड़ा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘रूस, भारत की मदद के लिए आगे आया है – चाहे वह हथियारों की आपूर्ति हो या संयुक्त राष्ट्र या सुरक्षा परिषद में अपनी ‘वीटो पावर’ का इस्तेमाल। यह अच्छी बात है कि रूसी राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं। अगर हमारे संबंध और बेहतर होते हैं तो यह अच्छी बात होगी।’
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि यदि भारत-रूस संबंधों से किसी अन्य देश को लाभ होता है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री के पुतिन के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और यदि इससे यूक्रेन को किसी तरह लाभ होता है, यदि हम रूस को शांति के मार्ग पर चलने और यूक्रेन पर हमले बंद करने के लिए राजी कर सकें तो मुझे लगता है कि यह सभी की सफलता होगी।’
भाषा
शुभम नरेश
नरेश