श्रीनगर, 17 जून (भाषा) जम्मू कश्मीर में सोमवार को ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया गया और इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में एकत्र हुए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पैगंबर इब्राहिम की खुदा के लिए दी गई कुर्बानी की याद में ईद-उल-अजहा मनाया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि हजरतबल दरगाह में सबसे ज्यादा लोग नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए। यहां 50,000 से अधिक लोगों ने बकरीद के मौके पर नमाज अदा की।
हजरतबल दरगाह में नमाज अदा करने वालों में जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।
पुराने शहर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद को छोड़कर घाटी में सभी मस्जिदों और ईदगाहों पर नमाज अदा की गई। दरअसल अधिकारियों ने अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद की ईदगाह में नमाज अदा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि परंपरा के अनुसार घाटी में हजारों भेड़, बकरियों और अन्य जानवरों की कुर्बानी दी गई।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय को बधाई दी। अपने संदेश में उन्होंने कहा, ‘ईद-उल-अजहा के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’
उन्होंने कहा, ‘ईद-उल-अजहा का पवित्र त्योहार निस्वार्थ त्याग और साझेदारी का प्रतीक है। आइए, इस अवसर पर हम भाईचारे और एकता की भावना को और मजबूत करने के अपने संकल्प की पुष्टि करें। ईद-उल-अजहा सभी के लिए शांति, समृद्धि और खुशी लाए।’
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे जम्मू कश्मीर में ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई और किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल के नेताओं ने भी लोगों को ईद-उल-अजहा की बधाई दी।
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