ढाका, 25 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश के दिवंगत कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी के भाई ने आरोप लगाया है कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के एक गुट ने आगामी आम चुनाव को पटरी से उतारने के लिए उनके भाई की हत्या की साजिश रची थी।
उनके इस दावे के कुछ घंटों बाद ही, मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक (गृह मंत्रालय) मोहम्मद खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
हादी के भाई उमर हादी ने मंगलवार को देश की राजधानी ढाका में इंकलाब मंच द्वारा आयोजित एक विरोध रैली में कहा, ‘‘उस्मान हादी की हत्या आपने ही करवाई थी। अब आप इसे मुद्दा बनाकर चुनाव को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं। उस्मान हादी की हत्या के समय जो लोग सत्ता में थे, वे इस जिम्मेदारी से बच नहीं पायेंगे।’’
उमर ने कहा कि सरकार को उनके भाई की हत्या में ‘‘शामिल सभी लोगों को तुरंत देश के सामने बेनकाब करना चाहिए। ’’
उन्होंने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के हश्र का जिक्र करते हुए चेतावनी दी, ‘‘अन्यथा, आपको देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ेगा।’’
आवामी लीग के साथ-साथ भारत का कट्टर आलोचक हादी पिछले साल के हिंसक विरोध प्रदर्शन के नेताओं में से एक था। विद्यार्थियों के नेतृत्व वाले इसी हिंसक प्रदर्शन के चलते हसीना के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता से बाहर हो गयी थी। यह प्रदर्शन जुलाई विद्रोह के रूप में जाना जाता है। हादी ने बाद में इंकलाब मंच का गठन किया था।
कैबिनेट विभाग ने बुधवार रात को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ने पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है,“मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक (गृह मंत्रालय) मोहम्मद खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।”
फरवरी में होने वाले संसदीय चुनाव के उम्मीदवार हादी को 12 दिसंबर को ढाका में नकाबपोश बंदूकधारियों ने सिर में गोली मार दी थी। छह दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
उमर ने आरोप लगाया कि सरकार के एक हिस्से ने किसी ‘एजेंसी या देश’ के इशारे पर उनके भाई की हत्या करवाई।
उन्होंने कहा कि हादी चाहते थे कि राष्ट्रीय चुनाव फरवरी तक हो जाएं तथा उन्होंने अधिकारियों से चुनावी माहौल को बाधित न करने का अनुरोध किया था।
इंकलाब मंच ने गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी, कानून सलाहकार आसिफ नजरुल और खुदा बख्श चौधरी को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
कानूनी सलाहकार ने बांग्लादेश के त्वरित सुनवाई न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाने का वादा किया है, जिसके तहत सुनवाई 90 दिनों के भीतर पूरी करनी होती है।
हादी की मौत के बाद ढाका में भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया और अखबारों ‘प्रोथोम आलो’ और ‘डेली स्टार’ के मुख्य कार्यालयों के साथ-साथ ढाका के दो प्रगतिशील सांस्कृतिक समूहों छायानात और उदिची शिल्पी गोष्ठी के कार्यालयों में आग लगा दी। मध्य मैमनसिंह में एक हिंदू कारखाने के मजदूर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश