नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को ऋषिकेश में गंगा नदी में कथित तौर पर अशोधित कचरा डाले जाने संबंधी एक शिकायत पर गौर करने और राज्य में आवश्यक अवजल शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर गौर किया कि नगर निगम के एजेंट ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे एक शौचालय परिसर के बाहर लगे नल का इस्तेमाल स्नान करने और वाहन धोने के लिये कर रहे थे।
पीठ ने कहा, “हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इस मामले को देखने और विधि सम्मत आवश्यक उपचारात्मक कार्रवाई का निर्देश देते हैं।”
अधिकरण का यह आदेश उस याचिका पर आया जिसमें उसके (एनजीटी के) तीन जनवरी 2022 के आदेश को लागू करने की मांग की गई थी। उक्त आदेश में एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में कोई भी अशोधित कचरा न छोड़ा जाए।
एनजीटी ने पहले कहा था कि एक जागरूकता कार्यक्रम के साथ-साथ प्रत्येक नगरपालिका स्तर पर एक निगरानी प्रकोष्ठ बनाया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नदी में कोई अशोधित कचरा नहीं डाला जाए।
भाषा
प्रशांत पवनेश
पवनेश
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