EPFO Rule Change: प्राइवेट नौकरी वालों के लिए जरूरी खबर, EPFO में होने जा रहा ये बड़ा बदलाव, मिलेगा ये बंपर फायदा

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EPFO Rule Change: प्राइवेट नौकरी वालों के लिए जरूरी खबर, EPFO में होने जा रहा ये बड़ा बदलाव, मिलेगा ये बंपर फायदा

EPFO Rule Change. Image Source: IBC24

Modified Date: November 23, 2025 / 09:32 pm IST
Published Date: November 23, 2025 9:13 pm IST
HIGHLIGHTS
  • EPFO की सैलरी लिमिट 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपये किए जाने पर विचार।
  • 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को पहली बार EPF–EPS का लाभ मिलेगा।
  • EPF योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट फंड और पेंशन सुरक्षा दोनों मजबूत होंगी।

नई दिल्ली। EPFO Rule Change: देश के करोड़ों कर्मचारियों के भविष्य को प्रभावित करने वाले EPFO नियमों में बड़ा बदलाव प्रस्तावित है। सरकार EPFO से अनिवार्य रूप से जुड़ने की सैलरी लिमिट बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वर्तमान में यह सीमा 15,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 25,000 रुपये किए जाने की तैयारी है। यदि नया बदलाव लागू होता है तो एक करोड़ से अधिक कर्मचारी पहली बार EPF और EPS के दायरे में आ जाएंगे।

सरकारी आकलनों के अनुसार बीते वर्षों में कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर काफी बदल चुका है और 15,000 रुपये की पुरानी सीमा अब व्यावहारिक नहीं रह गई है। ऐसे में नई सीमा लागू होने पर उन कर्मचारियों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा जिनकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कुछ अधिक है और जो वर्तमान नियमों के अनुसार EPF व पेंशन सुरक्षा के दायरे से बाहर रह जाते हैं।

क्या होगा कर्मचारियों को लाभ

EPFO Rule Change: EPFO में शामिल होने पर कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% योगदान करते हैं, और उतना ही योगदान नियोक्ता की ओर से भी किया जाता है। सैलरी लिमिट बढ़ने से योगदान की राशि भी बढ़ जाएगी, जिससे कर्मचारियों का EPF बैलेंस तेजी से बढ़ेगा और रिटायरमेंट के समय एक मजबूत फंड उपलब्ध होगा। इसके साथ ही EPS (पेंशन लाभ) भी अधिक कर्मचारियों को कवर करेगा, जिससे बुजुर्ग होने पर आर्थिक सुरक्षा मजबूत होगी। हालांकि नियोक्ताओं की लागत बढ़ेगी, लेकिन इसे कर्मचारी हित में उठाया जा रहा महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। फिलहाल EPFO के पास 7.6 करोड़ सक्रिय सदस्य हैं। नई सीमा लागू होने से बड़ी संख्या में कर्मचारी रिटायरमेंट फंड और पेंशन सुरक्षा के तहत आएंगे, जिससे सामाजिक सुरक्षा ढांचा और मजबूत होगा।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।