प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण, यह समय देश के लिए मरने का नहीं बल्कि जीने का : मोहन भागवत

प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण, यह समय देश के लिए मरने का नहीं बल्कि जीने का : मोहन भागवत

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  • Publish Date - December 12, 2025 / 10:18 PM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 10:18 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

श्री विजय पुरम, 12 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भगवत ने शुक्रवार को राष्ट्र को सर्वोपरि रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘‘यह भारत के लिए जीने का समय है, न कि इसके लिए मरने का।’’

भागवत ने यहां विनायक दामोदर सावरकर के गीत ‘सागर प्राण तलमाला’ की 115वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम सावरकर जी को उनकी देशभक्ति के लिए याद करते हैं…हमारे देश में हमारे अपने देश की ही भक्ति होनी चाहिए। यहां तेरे टुकड़े होंगे वैसी भाषा होनी ही नहीं चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘छोटे-मोटे मुद्दों पर टकराव हमारी आज की सोच को दर्शाता है। एक महान राष्ट्र के निर्माण के लिए हमें सावरकर के संदेश को याद रखना होगा और उसे जनता तक पहुंचाना होगा।’’

भागवत ने जाति और धर्म पर आधारित विभाजन की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘सावरकर जी ने कभी यह नहीं कहा कि वे महाराष्ट्र से हैं या किसी विशेष जाति से संबंध रखते हैं। उन्होंने हमेशा एक राष्ट्र की विचारधारा का प्रचार किया। हमें अपने राष्ट्र को ऐसे सभी टकरावों से ऊपर रखना होगा। हमें यह विश्वास रखना होगा कि हम सब भारत हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के लिए जीने का समय है, न कि इसके लिए मरने का। हर एक व्यक्ति महत्वपूर्ण है। जैसा कि हम जानते हैं कि कैसे एक छोटी गिलहरी ने (वानर सेना के साथ) राम सेतु के निर्माण में अपना योगदान दिया।’’

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें स्वार्थ को दूर रखना होगा, तभी हम सावरकर के सपने को पूरा कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सावरकर जी ने नि:स्वार्थ भाव से भारत के लिए काम किया। हमें जो भी करना चाहिए, वह अपने राष्ट्र के लिए करना चाहिए और तभी हम इसे ‘विश्व गुरु’ बना सकते हैं।’’

भागवत ने कहा, ‘‘हम सभी को उस पीड़ा को महसूस करना चाहिए जो सावरकर ने देश के लिए महसूस की थी। हमें जो भी काम करना हो, उसमें हमेशा अपने देश को सर्वोपरि रखना चाहिए। पेशेवर बनो, पैसा कमाओ, लेकिन देश को मत भूलो। राष्ट्र निर्माण के लिए साधु बनना जरूरी नहीं है।’’

इस कार्यक्रम में भगवत के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में केंद्रीय मंत्री आशीष शेलार, पद्म श्री पंडित हृदयनाथ मंगेशकर, अभिनेता रणदीप हुड्डा और शरद पोंकशे तथा इतिहासकार डॉ. विक्रम संपत शामिल थे।

कार्यक्रम का आयोजन मुंबई आधारित ‘वैल्यूएबल ग्रुप’ द्वारा किया गया।

‘वैल्यूएबल ग्रुप’ के संस्थापक अमेया हेटे ने कहा, ‘‘यह समारोह महज एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक इतिहास के प्रति एक विनम्र सम्मान है। यह आने वाली पीढ़ियों के दिलों में देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करने का एक नेक प्रयास है।’’

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल