दिवाला कानून, जन विश्वास विधेयक संबंधी संसदीय समितियों का समय बढ़ाया गया

दिवाला कानून, जन विश्वास विधेयक संबंधी संसदीय समितियों का समय बढ़ाया गया

  •  
  • Publish Date - December 1, 2025 / 02:28 PM IST,
    Updated On - December 1, 2025 / 02:28 PM IST

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) लोकसभा ने दिवाला कानून और जन विश्वास प्रावधान संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसदीय समितियों की रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा को सोमवार को बढ़ा दिया।

सदन ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 पर रिपोर्ट पेश करने के लिए एक प्रवर समिति को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन तक का समय दिया है।

विधेयक को गत 12 अगस्त को निचले सदन में पेश किये जाने के तुरंत बाद प्रवर समिति के पास भेजा गया था। विधेयक में शोधन अक्षमता कानून में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें वास्तविक व्यावसायिक विफलताओं, समूह और सीमा पार शोधन अक्षमता ढांचे पर ध्यान देने के लिए अदालत के बाहर एक तंत्र विकसित करने सहित कई संशोधनों का प्रस्ताव किया गया है।

लोकसभा ने जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2025 पर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए एक अन्य प्रवर समिति को भी शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह के आखिरी दिन तक का समय दिया है।

सरकार ने 18 अगस्त को विधेयक पेश किया था जिसे बाद में प्रवर समिति को भेज दिया गया था। इस विधेयक का उद्देश्य जीवन-यापन में सुगमता को बढ़ावा देने और व्यावसायिक माहौल में सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न कानूनों के तहत छोटे अपराधों से संबंधित 288 प्रावधानों को अपराधमुक्त बनाना है।

यह दूसरा जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक है। इससे पहले 2023 में सरकार ने 19 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों में 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त करते हुए एक कानून बनाया था।

भाषा हक हक वैभव

वैभव