किसान आंदोलनः आखिरकार सरकार के इस प्रस्ताव पर राजी हुए किसान, कल संगठनों से चर्चा के बाद होगा अंतिम फैसला, 22 को फिर बैठक

किसान आंदोलनः आखिरकार सरकार के इस प्रस्ताव पर राजी हुए किसान, कल संगठनों से चर्चा के बाद होगा अंतिम फैसला, 22 को फिर बैठक

किसान आंदोलनः आखिरकार सरकार के इस प्रस्ताव पर राजी हुए किसान, कल संगठनों से चर्चा के बाद होगा अंतिम फैसला, 22 को फिर बैठक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: January 20, 2021 2:28 pm IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बैठक समाप्त हो गई है, अगली बैठक 22 जनवरी को होगी। सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को 1.5-2 साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे।  यह बात किसान नेता ने बताई है। उन्होंने कहा कि हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे। 

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किसान नेता ने बताया कि बैठक में तीनों कानूनों और एमएसपी पर बात हुई। सरकार ने कहा हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1.5-2 साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और एमएसपी का भविष्य तय करेगी। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि सरकार के इस प्रस्ताव पर हम इस पर विचार करेंगे। 

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हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे: किसान नेता, सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता के बाद #FarmersProtest https://t.co/OfMmQ7yHnV

— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021

कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए। किसान यूनियन क़ानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से क़ानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार क़ानूनों को स्थगित किया है। सरकार 1-1.5 साल तक भी क़ानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com