गणतंत्र दिवस हिंसा में मरने वाले किसान के शरीर पर गोली के घाव नहीं थे: पुलिस ने अदालत से कहा

गणतंत्र दिवस हिंसा में मरने वाले किसान के शरीर पर गोली के घाव नहीं थे: पुलिस ने अदालत से कहा

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  • Publish Date - February 26, 2021 / 01:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान एक ट्रैक्टर के पलटने की घटना में जान गंवाने वाले 25 वर्षीय किसान के शरीर पर कहीं भी बंदूक की गोली के जख्म नहीं थे।

दोनों राज्यों की पुलिस ने उत्तर प्रदेश के रामपुर के जिला अस्पताल द्वारा दी गई पोस्टमॉर्टम और एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर यह बात कही, जिसमें प्रथम दृष्टया बताया गया है कि ‘मृतक के शरीर पर बंदूक की गोली के कोई निशान नहीं थे।’

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटना की वजह से सिर पर चोट लगने के कारण युवा किसान की मौत हो गई।

मृतक के दादा हरदीप सिंह द्वारा दायर याचिका के जवाब में यह बयान दिया गया। याचिका में दावा किया गया है कि मृतक के सिर पर गोली लगी थी।

अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर और सौतिक बनर्जी के माध्यम से दायर याचिका में युवा किसान की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है।

उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई चार मार्च को निर्धारित की।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा और अधिवक्ता चैतन्य गोसाईं ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने घटनास्थल दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों से एकत्र फुटेज के आधार पर कहा कि वह तेज रफ्तार में ट्रैक्टर चला रहा था और बैरिकेड से टकराने के बाद वाहन पलट गया।

उन्होंने कहा कि फुटेज से यह भी पता चलता है कि पुलिस कर्मी तेज रफ्तार ट्रैक्टर से अपनी सुरक्षा के लिए उससे दूर भाग रहे थे और उनमें से किसी ने भी वाहन या चालक पर गोली नहीं चलाई।

दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि प्रदर्शनकारी घायल नवप्रीत सिंह को किसी भी नजदीकी अस्पताल में नहीं ले गए और इसके बजाय उन्होंने दुर्घटना के बाद घनास्थल पर पहुंची एंबुलेंस पर हमला किया।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने उसे तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय, उसको पांच घंटे तक सड़क पर रखा और फिर अफवाह फैला दी कि वह पुलिस की गोलीबारी में मारा गया।

भाषा कृष्ण दिलीप

दिलीप