नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सभी अधिकारियों को समय पर अपनी संपत्ति का विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया है और कहा है कि ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही तथा पदोन्नति से वंचित करने सहित कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सभी आईएएस अधिकारियों के लिए अगले वर्ष 31 जनवरी तक ‘वार्षिक अचल संपत्ति रिटर्न’ (आईपीआर) जमा करना अनिवार्य है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जनवरी 2017 से ‘स्पैरो’ मॉड्यूल के माध्यम से आईएएस अधिकारियों के संबंध में आईपीआर संबंधी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा शुरू की थी।
केंद्रीय विभागों के सचिवों और सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए 23 दिसंबर के पत्र में कहा गया है, ‘‘यह वास्तव में अत्यंत संतोष की बात है कि अधिकारी वर्षों से अपना आईपीआर या तो इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा कर रहे हैं या पारंपरिक रूप से भरे गए आईपीआर की ‘स्कैन’ की गई प्रति अपलोड कर रहे हैं।’’
इसमें कहा गया कि यह ऑनलाइन मॉड्यूल निर्धारित समयसीमा यानी कैलेंडर वर्ष 2025 के संबंध में 31 जनवरी, 2026 के बाद स्वचालित रूप से बंद हो जाएगा।
विज्ञप्ति के अनुसार, सभी सचिवों और मुख्य सचिवों को अपने अधीन कार्यरत सभी आईएएस अधिकारियों को समय पर संपत्ति का विवरण दाखिल करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा गया है।
भाषा नेत्रपाल रंजन
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