नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा है कि भविष्य में कर राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होने पर देश में माल और सेवा कर की तीन दरें रह जाएंगी। इनमें 0 फीसदी और 5 प्रतिशत की दर के साथ सामान्य जरुरत की वस्तुओं पर एक मानक दर होगी जो 12 से 18 फीसदी के बीच होगी। उन्होंने कहा कि विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को उच्च कर के दायरे में बनाए रखा जाएगा।
वित्त मंत्री जेटली ने अपने फेसबुक पर ‘जीएसटी के 18 महीने’ शीर्षक से लिखे गए एक लेख में कहा है कि इस समय उपयोग की कुल 1,216 वस्तुओं में से 183 पर 0 प्रतिशत, 308 पर 5 प्रतिशत, 178 उत्पादों पर 12 प्रतिशत और 517 पर 18 की दर से जीएसटी लगता है। अभी सिर्फ लग्जरी एवं अहितकारी उत्पादों के अलावा वाहनों के कलपुर्जे, एसी और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं।
उन्होंने लिखा है कि, अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में जीएसटी के रूप में परिवर्तन पूरा होने के साथ अब हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण को पूरा करने के करीब हैं। उदाहरण के लिए विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी वस्तुएं को चरणबद्ध तरीके से 28 प्रतिशत के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही है।
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केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में 12 फीसदी और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें है, जो भविष्य में एक की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अब व्यापक उपभोग की केवल दो वस्तुओं- सीमेंट और वाहन कुलपुर्जे पर ही 28 प्रतिशत का कर है। हमारी अगली प्राथमिकता सीमेंट को कम कर-दर के दायरे में लाने की होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि भवन निर्माण की अन्य सभी सामग्रियों को पहले ही 28 प्रतिशत से निकाल कर 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत में लाया जा चुका है। बता दें कि बता दें, जीएसटी परिषद ने शनिवार को ही 23 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती की थी।