नई दिल्लीः देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं। बजट पेश करने से पहले सुबह 8:45 बजे वह अपने आवास से वित्त मंत्रालय पहुंची। मंत्रालय में आधे घंटे रुकने के बाद वह राष्ट्रपति भवन गईं। वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बजट की कॉपी सौंपी। राष्ट्रपति ने यहां उन्हें दही चीनी खिलाई। इसके बाद वह संसद भवन पहुंचीं। यहां कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें बजट को मंजूरी दी गई।
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वित्त मंत्री ने कहा मेक इन इंडिया, इम्पलॉयमेंट और इनोवेशन, एनर्जी सप्लाई, स्पोर्ट्स का डेवलपमेंट, एमएसएमपी का विकास हमारी विकास यात्रा में शामिल हैं और इसका ईंधन रीफॉर्म्स हैं। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद की संभावना है। ग्रामीण संपन्नाता और अनुकूलन निर्माण राज्यों की भागीदारी से शुरू किया जाएगा। कौशल, निवेश से कृषि में रोजगार का सुधार होगा। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प पैदा करना है। युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं, किसानों छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित करेगा। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता कै लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है। 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास कििए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गयाय है। केंद्रीय एजेंसियोें में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां उतनी दलहन खरीदेंगी जितनी लाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन चलाएंगे। मछली पालन में भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 60 हजार करोड़ का मार्केट है। अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देगी। कपास उत्पादकता मिशन के तहत उत्पादकता में पर्याप्त बढ़ोतरी होगी और कपास के लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों की आमदनी को बढ़त मिलेगी। राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन चलाएंगे। अनुसंधान, उच्च पैदावार, बीजों की 100 से अधिक किस्मों को उपलब्ध कराएंगे।
भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए सहायता के अलावा बिना लेदर वाले फुटवियर के लिए योजना है। 22 लाख रोजगार और 4 लाख करोड़ का कारोबार और 1.1 लाख करोड़ से ज्यादा निर्यात की उम्मीद है। खिलौना निर्माण के लिए मेक इन इंडिया के तहत योजना शुरू की जाएगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख की सीमा वाले विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड शुरू करेंगे। पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे। स्टार्टअप के लिए एआईएप को 91 हजार करोड़ से ज्यादा सबमिशन मिले हैं। 10 हजार करोड़ का नया अंशदान करेंगे। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है। ये एमएसएमई उत्पादकों के साथ निर्माण में 45 फीसदी योगदान कर रहे हैं। उनके वर्गीकरण को दोगुना तक बढ़ाया जाएगा। गारंटी कवर के साथ 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया है। 1.5 लाख करोड़ तक का ऋण मिलेगा। स्टार्ट अप के लिए 10 करोड़ से 20 करोड़ कर दिया जाएगा। गारंटी शुल्क कम कर दिया जाएगा। भारतीय डाक विभाग सार्वजनिक संगठन में बदला जाएगा। विश्वकर्माओं, महिलाओं, स्वसहायता समूह की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों आदि को क्रेडिट मिलता है। इसकी सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी जाएगी। पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े यूरिया संसाधनों को एक्टिव किया गया है। असम में नया संयत्र स्थापित किया जाएगा।