अस्पताल में लगी आग को बुझाने में अग्निशमन कर्मियों को करना पड़ा चुनौतियों का सामना

अस्पताल में लगी आग को बुझाने में अग्निशमन कर्मियों को करना पड़ा चुनौतियों का सामना

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  • Publish Date - May 26, 2024 / 08:27 PM IST,
    Updated On - May 26, 2024 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) पूर्वी दिल्ली में बच्चों के अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद अग्निशमन कर्मियों को बचाव अभियान के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। घटनास्थल के आसपास भारी भीड़ जमा हो गई थी और लोग वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे जिससे बचाव अभियान में दिक्कतें आईं।

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने बताया कि विवेक विहार इलाके में ‘बेबी केयर न्यू बॉर्न’ अस्पताल में शनिवार रात करीब 11:30 बजे आग लग गई और जल्द ही यह दो अन्य इमारतों में भी फैल गई। उन्होंने बताया कि 12 नवजात शिशुओं को अस्पताल से निकाला गया लेकिन उनमें से सात की मौत हो गई।

डीएफएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘घटनास्थल पर कई लोग जमा हो गए थे और वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। उनमें से कई लोग आग बुझाने का प्रयास कर रहे कर्मियों के करीब भी पहुंच गए।’’

उन्होंने कहा कि लोगों को उन क्षेत्रों के करीब आने से बचना चाहिए जहां आग बुझाने का अभियान चल रहा हो ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आग बुझाने वाले लोग सुचारू रूप से काम कर सकें।

एक अधिकारी ने बताया कि घटना में दो बुटीक, बगल की इमारत में संचालित निजी बैंक का एक हिस्सा और भूतल पर स्थित एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हो गई। इसके अलावा इमारत के बाहर खड़ी एक एम्बुलेंस और एक स्कूटी भी क्षतिग्रस्त हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय लोग पार्क और इमारत के बीच खड़े थे और वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे।’’ अधिकारियों ने कहा कि ऐसे अभियानों के दौरान सबसे बड़ी चुनौती लोगों को नियंत्रित करना है।

डीएफएस के अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे सामने एक और चुनौती यह थी कि वहां पानी का कोई स्रोत नहीं था और बिजली के तार नीचे लटक रहे थे। हम जांच कर रहे हैं कि क्या इमारत के पास फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) था।’’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि लोगों की मदद से बच्चों को अस्पताल के पीछे एक खिड़की के जरिये बचाया गया। बच्चों को दूसरे अस्पताल ले जाया गया जहां छह को मृत घोषित कर दिया गया जबकि एक की इलाज के दौरान मौत हो गई। शवों को पोस्टमार्टम के लिए गुरु तेगबहादुर (जीटीबी) अस्पताल भेज दिया गया।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत