Shibu Soren Passes Away: बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा शिबू सोरेन का सियासी जीवन.. कभी केंद्रीय मंत्री तो कभी मुख्यमंत्री पद से देना पड़ा इस्तीफा

विधानसभा में बहुमत नहीं मिलने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिर 2008 से 2009 तक और फिर 2009 से 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहें। पिछले कुछ समय से वह सक्रिय राजनीती से दूर थे।

  •  
  • Publish Date - August 4, 2025 / 11:43 AM IST,
    Updated On - August 4, 2025 / 11:50 AM IST

Shiboo Soren Passes Away || IMAGE- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन का निधन
  • हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर दी जानकारी
  • लंबे समय से बीमार चल रहे थे शिबू सोरेन

Shibu Soren Passes Away: रांची: झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह जानकारी दी। 81 वर्षीय शिबू सोरेन किडनी संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज करा रहे थे।

READ MORE: Sitapur UP News: लगातार बारिश के बीच मकान की दीवार ढही, मलबे में दबने से हुई दो नाबालिग लड़कियों की मौत

बेटे हेमंत ने किया tweet

हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट किया, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए हैं… मैं आज शून्य हो गया हूं।” बता दें कि, शिबू सोरेन लंबे समय से नियमित रूप से अस्पताल में इलाज करा रहे थे। हेमंत सोरेन ने 24 जून को कहा था, “उन्हें हाल ही में यहां भर्ती कराया गया था, इसलिए हम उन्हें देखने आए थे। उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की फिलहाल जांच की जा रही है।” शिबू सोरेन पिछले 38 वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता रहे हैं और उन्हें पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है।

कैसा रहा शिबू सोरेन का सियासी जीवन?

Shibu Soren Passes Away: शिबू सोरेन वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता थे। सोरेन 1980 से 1984, 1989 से 1998 और 2002 से 2019 तक दुमका से लोकसभा के सांसद भी रहें। मनमोहन सिंह की सरकार में शिबू सोरेन कोयला मंत्री बनें लेकिन चिरूडीह कांड मामले में वारंट जारी होने पर उन्हे मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह 30 साल पुराने चिरूडीह कांड में 11 लोगों की हत्या से जुड़ा मामला था।

READ MORE: ₹56100 तक सैलरी! सरकारी पॉलिटेक्निक मरवाही में गेस्ट लेक्चरर की भर्ती, 6 अगस्त को इंटरव्यू, बिना लिखित परीक्षा भर्ती…

सक्रिय राजनीति से दूर

शिबू सोरेन को 24 जुलाई 2004 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि जमानत पर रिहा होने के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किया गया। वे पहली बार 2005 में 10 दिनों के लिए (2 मार्च से 12 मार्च तक) मुख्यमंत्री रहें। 2005 में विधानसभा चुनावों के बाद विवादस्पद तरीक़े से झारखंड के सीएम बने। विधानसभा में बहुमत नहीं मिलने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिर 2008 से 2009 तक और फिर 2009 से 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहें। पिछले कुछ समय से वह सक्रिय राजनीती से दूर थे। वह अक्सर बीमार भी रहते थे।

प्रश्न 1: शिबू सोरेन का निधन कब और कहाँ हुआ?

उत्तर: शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में हुआ। वे किडनी की समस्याओं से पीड़ित थे।

प्रश्न 2: शिबू सोरेन कौन थे और उनका राजनीतिक योगदान क्या रहा?

उत्तर: शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक थे। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और कई बार लोकसभा सांसद भी रहे। उन्होंने आदिवासी अधिकारों की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई।

प्रश्न 3: शिबू सोरेन का अंतिम समय में स्वास्थ्य कैसा था?

उत्तर: वे पिछले एक महीने से ज्यादा समय से किडनी संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे और उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी हुई थी।