पालघर-ठाणे में बंधुआ मजदूरी से चार नाबालिगों को बचाया गया, दो प्राथमिकी दर्ज

पालघर-ठाणे में बंधुआ मजदूरी से चार नाबालिगों को बचाया गया, दो प्राथमिकी दर्ज

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  • Publish Date - October 31, 2025 / 07:12 PM IST,
    Updated On - October 31, 2025 / 07:12 PM IST

ठाणे/पालघर, 31 अक्टूबर (भाषा) पालघर और ठाणे जिलों में कटकारी आदिवासी समुदाय के चार बच्चों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया गया जिसके बाद मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गौरापुर के वाडा तालुका निवासी छह वर्षीय एक बच्चे को भायन्दर के उत्तन स्थित एक दुकान से बचाया गया। उस दुकान के मालिक से मासूम की दादी ने 1000 रुपये का ऋृण लिया था जिसके कारण उससे जबरन काम कराया जा रहा था।

वाडा पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, ‘दुकानदार ने लड़के को 20,000 रुपये वेतन देने का वादा किया था लेकिन इसके बजाय वह उससे मामूली रकम पर काम करने के लिए मजबूर करता था। दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।’

अधिकारी ने बताया कि पालघर के वडाचपाड़ा बहाडोली क्षेत्र की 12 से 16 वर्ष आयु वर्ग की तीन नाबालिग लड़कियों को उत्तन भायन्दर में जबरन मज़दूरी से बचाया गया है। दो महिलाओं ने बच्चियों काम करने के लिए मजबूर किया था क्योंकि उन्होंने उनके माता-पिता को 2,000 रुपये से 6,000 रुपये के बीच भुगतान किया था।

मनोर पुलिस थाना के अधिकारी ने बताया, ‘तीनों लड़कियों को तीन महीने तक बंद रखा गया था और उनसे घर के कामों के साथ-साथ मछली सुखाने और साफ करने का काम करवाया जाता था। दोनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया है।’

इन दो मामलों को भारतीय न्याय संहिता के बंधुआ मजदूरी उन्मूलन अधिनियम, बाल श्रम अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया हैं। मामलों की जांच उत्तन सागरी पुलिस थाना को स्थानांतरित कर दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि इन मामलों को सामने लाने में स्थानीय संगठन श्रमजीवी संघटना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भाषा प्रचेता रंजन

रंजन