‘आजम के गढ़’ में कमल खिलाने वाले कौन हैं घनश्याम सिंह लोधी? जिन्होंने सपा के किले को किया ध्वस्त

Rampur by-election 2022 : यूपी के रामपुर उपचुनाव में घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के दिग्गज नेता आजम खान के वर्चस्व को तोड़ दिया।

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  • Publish Date - June 26, 2022 / 03:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

लखनऊ। Rampur by-election 2022 : यूपी के रामपुर उपचुनाव में घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के दिग्गज नेता आजम खान के वर्चस्व को तोड़ दिया। घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के आसिम रजा को 42192 वोटों से करारी शिकस्त दी। यूं तो टक्कर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में थी। लेकिन यहां आमने-सामने थे आजम खान के दो शागिर्द। ये दो नेता हैं आसिम रजा और घनश्याम सिंह लोधी। आसिम रजा समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे तो घनश्याम सिंह लोधी भगवा खेमे का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

घनश्याम सिंह लोधी ने अपनी सियासी जिंदगी में हर पार्टी के साथ प्रयोग किया है। उन्होंने राजनीति तो बीजेपी के साथ ही शुरू की लेकिन बीच-बीच में उनकी सियासी जिंदगी में भटकाव आता रहा। बीजेपी के बाद घनश्याम सिंह लोधी बसपा में गए। लोधी 2009 में बसपा से रामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े मगर हार गए। इसके बाद वे कल्याण सिंह की पार्टी में पहुंचे फिर 2011 में समाजवादी पार्टी का दामन थामकर आजम खान के करीबी बन गए।

इन दोनों ही नेताओं ने आजम खान की छत्र-छाया में अपनी-अपनी सियासत को आगे बढ़ाया और सूबे की राजनीति में अपना मुकाम हासिल किया। यूं तो रामपुर कई सालों से सपा का गढ़ था और यहां आजम खान का सिक्का चलता था। लेकिन इस चुनाव में घनश्याम सिंह लोधी ने आजम खान के वर्चस्व को तोड़ दिया। घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के आसिम रजा को 42192 वोटों से शिकस्त दी।

हेलिकॉप्टर से भिजवाया था सिंबल

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजम और घनश्याम की खूब छनी। घनश्याम सिंह लोधी आजम खान के चहेतों में शामिल हो गए। इसकी बानगी 2016 में देखने को मिली जब धनश्याम सिंह लोधी को स्थानीय निकाय से विधान परिषद भेजने के लिए आजम खान ने पूरी ताकत लगा दी।

भाजपा ने आजम की सीट पर दिया मौका

Rampur by-election 2022 :  इधर जब जेल से बाहर निकलने के बाद आजम खान ने दिल्ली की राजनीति न कर यूपी की राजनीति करने का निश्चय किया तो उन्हें अपनी लोकसभा सीट छोड़नी पड़ी इसके बाद रामपुर सीट पर उपचुनाव करवाने की जरूरत आ पड़ी। बीजेपी ने इस मौके को भुनाया और घनश्याम लोधी को इसी सीट पर सपा के खिलाफ उतार दिया। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा के उस कैंडिडेट से हुआ जिसे आजम खान ने खुद चुना था। हम बात कर रहे हैं कि आसिम राजा की। पूरे चुनाव के दौरान आजम खान और घनश्याम लोधी ने मर्यादा बनाए रखी और एक दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत प्रहार करने से बचते रहे।