महामारी जैसी चुनौतियों के खिलाफ वैश्विक रूख की जरूरत है : जयशंकर

महामारी जैसी चुनौतियों के खिलाफ वैश्विक रूख की जरूरत है : जयशंकर

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  • Publish Date - June 30, 2021 / 11:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वर्तमान समय का एक विरोधाभास यह है कि जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी के वैश्विक चुनौती होने के बावजूद इनपर प्रतिक्रिया राष्ट्रीय स्वरूप की है ।

जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये दुनिया भर में मौजूद क्षमताओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की जरूरत है ।

इंडिया ग्लोबल फोरम को डिजिटल माध्यम से ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के साथ संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने यह बात कही ।

उन्होंने कहा, ‘‘ वास्तविकता यह है कि कोई भी स्वयं टीका नहीं बना सकता है । अगर दुनिया साथ आए तब हम टीके के उत्पादन को काफी बढ़ा सकते हैं । ’’

उल्लेखनीय है कि आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिये भारत लगातार एकजुट वैश्विक पहल की मांग करता रहा है ।

जयशंकर ने कहा, ‘‘ हमारे समय का एक विरोधाभास यह है कि वास्तविक समस्या वैश्विक प्रकृति की है, लेकिन हमारी प्रतिक्रिया राष्ट्रीय स्वरूप की है । जलवायु परिवर्तन वैश्विक समस्या है, आतंकवाद वैश्विक समस्या है, महामारी वैश्विक समस्या है लेकिन इस पर हमारी प्रतिक्रिया राष्ट्रीय स्वरूप की है ।’’

उन्होंने कहा कि पिछले दो-ढाई वर्षो पर नजर डालें तो यह बात सामने आयेगी ।

विदेश मंत्री ने कहा कि किस देश ने राष्ट्रीय स्तर के दायरे में बात नहीं की ? जब तक हम इससे आगे नहीं बढ़ेंगे और अंतरराष्ट्रीय समन्वय एवं गठजोड़ की दिशा में नहीं सोचेंगे तब तक हम इस स्थिति से नहीं उबर सकेंगे ।

अपनी टिप्पणी में जयशंकर ने बड़े पैमाने पर रोजगार नुकसान, आर्थिक दबाव और लोगों की जीवनशैली में बदलाव के लिये मजबूर होने की स्थिति समेत महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में चर्चा की ।

भाषा दीपक दीपक उमा

उमा