विश्वास बहाली का अच्छा अवसर: ओवैसी के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा

विश्वास बहाली का अच्छा अवसर: ओवैसी के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा

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  • Publish Date - May 17, 2025 / 09:36 PM IST,
    Updated On - May 17, 2025 / 09:36 PM IST

श्रीनगर, 17 मई (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने शनिवार को एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने केंद्र से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहे कश्मीर के लोगों को “अपनाने” का आग्रह किया था। नेकां ने कहा कि यह “विश्वास की कमी” को कम करने का एक अच्छा अवसर है।

हालांकि जम्मू-कश्मीर की सत्तारूढ़ पार्टी ने दावा किया कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरियों द्वारा दिखाए गए समर्थन की “समुचित प्रतिक्रिया नहीं मिली” और देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले कश्मीरियों को परेशान किया गया।

नेकां के राज्य प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा, “हमले के बाद, लोगों ने हत्याओं का बदला लेने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए किसी भी कदम का ईमानदारी से समर्थन किया। हमारे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जो लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने यह बात रिकॉर्ड पर कही है।”

‘पीटीआई वीडियो’ के साथ शनिवार को एक साक्षात्कार के दौरान ओवैसी ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर अपनी टिप्पणी में पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में हुए स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शनों के बारे में बात की।

हैदराबाद के सांसद ने कहा, “दरअसल, यह सरकार के लिए, प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के लिए, गृह मंत्री अमित शाह के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्हें इस अवसर का सही इस्तेमाल करना चाहिए। आपको पाकिस्तान से तो भिड़ना ही चाहिए, लेकिन कश्मीरियों को भी अपनाना चाहिए।”

कश्मीरियों को अपनाने से उनका क्या तात्पर्य है, इस बारे में विस्तार से पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां मानवाधिकारों का हनन न हो, “उन्हें उनके अधिकार मिलने चाहिए, देश के अन्य हिस्सों में कश्मीरी छात्रों पर हमले नहीं होने चाहिए।”

ओवैसी ने कहा, “यह सब किया जाना चाहिए। कश्मीरियों को उनके भाग्य पर मत छोड़ो। उन्हें अपनाओ।”

उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए डार ने कहा, “हां, कश्मीरियों को अपनाने की जरूरत है। विश्वास की कमी को कम करने के लिए यह सबसे अच्छा समय था। अगर उन्होंने भी ऐसा किया होता तो यह काफी कम हो जाता, लेकिन उन्होंने अच्छे तरीके से ऐसा नहीं किया।”

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के खिलाफ कश्मीर के लोगों का विरोध भावनाओं का वास्तविक प्रकटीकरण था।

भाषा प्रशांत अविनाश

अविनाश