सरकार देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को बदलने के लिए प्रतिबद्ध : मांडविया

सरकार देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को बदलने के लिए प्रतिबद्ध : मांडविया

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  • Publish Date - January 24, 2024 / 08:52 PM IST,
    Updated On - January 24, 2024 / 08:52 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य के संपूर्ण पहलू को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि इस सरकार ने कई नए एम्स खोले, मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी कर दी और 10,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों की शुरुआत की है।

मांडविया उत्तर प्रदेश के कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का वर्चुअल उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कानपुर में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग (एआईआईएसएच) सैटेलाइट सेंटर की आधारशिला भी रखी।

मांडविया ने कहा, “यह सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक लोगों को 12 सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करेगा जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर इन विशेष सेवाओं को लेने में मदद मिलेगी, जिससे उनका बहुमूल्य समय और संसाधनों की बचत होगी।”

उन्होंने कहा, ‘कानपुर में एआईआईएसएच सेंटर उत्तर भारत का पहला ऐसा अत्याधुनिक सेंटर होगा, जो न केवल डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेगा बल्कि लोगों की देखभाल भी करेगा।’

मांडविया ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि एआईआईएसएच मैसूर की तर्ज पर पूरे देश में एआईआईएसएच संस्थान स्थापित किए जाएं।’

उन्होंने कहा, ‘यह देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य के संपूर्ण पहलू को बदलने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है… देश में एम्स की संख्या 6 से बढ़कर 23 हो गई है, मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 710 हो गई है, जन औषधि केंद्र 10,000 से अधिक हो गए हैं और एमबीबीएस और पीजी को दोगुना करने जैसी अन्य समान उपलब्धियां हासिल हुई हैं।”

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.60 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हो रही तीव्र प्रगति को रेखांकित करती है।

उत्तर प्रदेश के लिए की गई स्वास्थ्य देखभाल पहल पर मांडविया ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है, जहां दो एम्स हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी दोगुनी हो गई है।

भाषा अविनाश माधव

माधव

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