नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अमेरिका द्वारा भारत पर 27 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार देशहित के लिए खड़ी हो।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस विषय को उठाया और सरकार से सवाल किया कि इसे लेकर वह क्या करने जा रही है।
राहुल ने कहा, ‘‘हमारे साझेदार देश (अमेरिका) ने 27 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है, जो हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा, हमारा ऑटो उद्योग, दवा उद्योग और कृषि सभी कतार में हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वह क्या करने जा रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 27 प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क’ लगाने की घोषणा की है।
संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाना दिखाता है कि अमेरिकी नेतृत्व एक व्यवसायी है और “हमारा ग्राहक” उसके जाल में फंस गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘गले लगाने, हंसने, ‘एक बार फिर ट्रंप’ के नारे की उनकी दोस्ती से पता चलता है कि अमेरिका एक व्यापारी है और हमारा ग्राहक फंस गया है।’’
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क लगाना भारत सरकार और ट्रंप प्रशासन के बीच बातचीत की ‘पूर्ण विफलता’ है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद राजीव राय ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष किया और कहा कि देश की विश्वसनीयता और ताकत ‘‘एकतरफा प्यार करने और किसी को दोस्त कहने’’ से नहीं बढ़ती है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मोदी को जवाब देना होगा कि अमेरिका भारत के साथ दुर्व्यवहार क्यों कर रहा है।’’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इसका भारत में कपड़ा, इंजीनियरिंग और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के साथ-साथ इन क्षेत्रों में कार्यरत लाखों लोगों के भाग्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुल्क लगाए जाने को ‘‘परेशान करने वाला’’ कदम बताया और कहा कि इससे अमेरिका में भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा।
भाषा
हक
हक पारुल
पारुल