Govt Will Fired 15000 Employees. Image Source- IBC24
जयपुर। Govt Will Fired 15000 Employees: सरकार के एक हालिया फैसले ने प्रदेश के हजारों दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के आधार पर नियुक्त कार्मिकों की दोबारा मेडिकल जांच कराने के निर्देश के बाद सरकारी महकमे में हलचल तेज हो गई है। इस आदेश से 15 हजार से ज्यादा दिव्यांग कार्मिकों की नौकरी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। दरअसल, सरकारी भर्तियों में दिव्यांगता प्रमाण-पत्र से जुड़े फर्जी मामलों के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने सख्ती बरतते हुए सभी विभागों को पुनः दिव्यांगता परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत न केवल हाल में नियुक्त कर्मचारियों, बल्कि कई ऐसे कार्मिक भी मेडिकल बोर्ड के सामने पेश हो रहे हैं, जिन्हें 10, 20 या फिर 30 साल पहले नौकरी मिली थी।
Govt Will Fired 15000 Employees: मेडिकल जांच के दौरान कई जिलों में यह तथ्य सामने आया है कि पहले 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कुछ कर्मचारियों की वर्तमान रिपोर्ट में प्रतिशत कम दर्ज हो रहा है। कई मामलों में 5 से 7 प्रतिशत तक का अंतर पाया गया है। यह अंतर इसलिए गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि सरकारी सेवा में दिव्यांग कोटे का लाभ लेने के लिए 40 प्रतिशत दिव्यांगता अनिवार्य शर्त है। विभागीय स्तर पर यह भी आकलन किया जा रहा है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी इसी सीमा के आसपास आते हैं, जिससे उनकी सेवा पर खतरा मंडरा सकता है।
सरकार के इस निर्णय को लेकर दिव्यांग कार्मिकों में नाराजगी साफ नजर आ रही है। उनका कहना है कि वर्षों तक नियमित सेवा देने के बाद अब उनकी दिव्यांगता पर सवाल उठाना उचित नहीं है। कर्मचारियों का तर्क है कि सरकार को वास्तविक फर्जीवाड़े करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, न कि ईमानदारी से सेवा दे रहे कर्मचारियों को मानसिक तनाव में डालना चाहिए। फिलहाल, प्रदेशभर में मेडिकल जांच की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इसके संभावित परिणामों को लेकर दिव्यांग कार्मिकों के बीच असमंजस और चिंता का माहौल बना हुआ है।