कोरोना संक्रमण के चलते जडेजा राजवंश शासक महाराज प्रगमालजी तृतीय का निधन, नहीं थी कोई संतान | Gujarat: Maharaj of former Kutch state passes away due to covid-19 complications

कोरोना संक्रमण के चलते जडेजा राजवंश शासक महाराज प्रगमालजी तृतीय का निधन, नहीं थी कोई संतान

कोरोना संक्रमण के चलते जडेजा राजवंश शासक महाराज प्रगमालजी तृतीय का निधन, नहीं थी कोई संतान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : May 30, 2021/9:26 am IST

भुज: भूतपूर्व कच्छ राज्य के जडेजा राजवंश के शासक, कच्छ के महाराज प्रगमालजी तृतीय का कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया। शाही परिवार के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 85 वर्षीय महाराज की कोई संतान नहीं थी और उनकी मृत्यु के साथ ही भूतपूर्व राज्य के शासक की गद्दी खाली रहेगी क्योंकि उन्होंने किसी को अपना वारिस नहीं बनाया था।

Read More: सांसद साध्वी प्रज्ञा ने की घायल महिला की इस तरह मदद, देर होती तो आ सकती थी जान संकट में

सूत्रों ने बताया कि प्रगमालजी तृतीय की शुक्रवार को मृत्यु हुई और उनका अंतिम संस्कार शाही परिवार के विश्राम स्थल, भुज के छतेरडी में कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुरूप किया गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी, भूतपूर्व त्रिपुरा राज्य की राजकुमारी, महारानी प्रीति देवी के अलावा एक भाई और एक बहन हैं।

Read More: कोरोना संक्रमित इस अभिनेता और फिल्म निर्माता का निधन, खबर के बाद सदमे में फिल्म इंडस्ट्री

सूत्रों ने बताया कि महारानी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थीं और भुज के निजी अस्पताल में उनका इलाज चला। अब वह अस्पताल से आ गई हैं और स्वस्थ हो रही हैं। तीन मई, 1936 को पृथ्वीराजजी के रूप में पैदा हुए प्रगमालजी तृतीय कच्छ के भूतपूर्व शासक, महाराव मदनसिंहजी के बड़े बेटे थे।

Read More: मशहूर एक्ट्रेस का छलका दर्द! बोलीं ‘रोल पाने के लिए मुझे एक्टर के साथ सोना था…आज वो बॉलीवुड का बड़ा प्रोड्यूसर और एक्टर है’

पिता की मृत्यु के बाद 17 अक्टूबर, 1991 में एक समारोह में उनका महाराव के रूप में अभिषेक किया गया और नाम बदलकर प्रगमालजी तृतीय रखा गया। उन्होंने भुज में बसने से पहले अपने जीवन के शुरुआती वर्ष मुंबई और लंदन में बिताए। भुज में वह क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए सक्रिय रहे।

Read More: जहरीली शराब से अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि, भाजपा सांसद ने 35 के मरने का दावा किया

वह गुजरात के सबसे बड़े जिले कच्छ को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने के पक्ष में थे जिसे 2001 के भूकंप के दौरान भयंकर नुकसान हुआ था। शाही परिवार के स्वामित्व में प्राग महल, रंजीत विलास महल, आइना महल और विजय विलास महल जैसे कई महल हैं। बॉलीवुड फिल्म “हम दिल दे चुके सनम” विजय विलास पहल में ही फिल्माई गई थी।

Read More: सांपों से करता है मोहब्बत, जान की परवाह किए बिना उतर गया कुएं में, वीडियो में देखें फिर क्या हुआ

कच्छ राज्य के शासक ने मई 1948 में भारतीय संघ में विलय कर लिया था। कच्छी भाषा में शुक्रवार को एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराज के निधन पर शोक जताया था और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

Read More: CPL और IPL की तिथियों में टकराव, BCCI और CWI में बातचीत जारी, देखें कब और कहां होंगे शेष मैच