26 साल पहले ही हो गया था ज्ञानवापी का खुलासा, लेकिन ये बन गया था रोड़ा…
26 साल पहले ही हो गया था ज्ञानवापी का खुलासा, लेकिन ये बन गया था रोड़ा...! Gyanvapi Masjid's secret was revealed 26 years ago
District Judge will hear the Gyanvapi case
नई दिल्ली: Gyanvapi Masjid’s secret वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की खबर के बाद से देश के सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। जहां एक ओर आज सर्वे रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समझ पेश किया जाना है तो वहीं दूसरी ओर सियासी गलियारों में बयानबाजी का दौर भी चरम पर है। बताया गया कि मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान 1500 तस्वीरें ली गईं हैं, जिसमें ज्ञानवापी का सच छिपा हुआ है। लेकिन क्या आपको ये पता है कि 26 साल पहले ही यानि साल 1996 में ही ज्ञानवापी का सच सामने आ गया था…नहीं पता न तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या हुआ था 26 साल पहले?>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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26 साल पहले ही आ गया था ज्ञानवापी का सच
Gyanvapi Masjid’s secret दरअसल विल जज की अदालत में दर्ज एंसिएंट आइडल स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर व अन्य के वाद में भी न्यायालय ने विशेष अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर राजेश्वर प्रसाद सिंह को नियुक्त किया था। इसमें कमीशन की ओर से दर्ज रिपोर्ट में साफ किया गया था कि विवादित स्थल के चारों तरफ प्राचीन काल की निर्मित पुस्ती को दिखाया गया, जो प्राचीन मंदिर का अवशेष देखने से प्रतीत हो रहा है। पूरब तरफ एक बड़ा चबूतरा है और पश्चिमी ओर मंदिर के भग्नावशेष मौजूद हैं, जो काफी उत्साहवर्धक है। पश्चिम तरफ मंदिर के भग्नावशेष के तीन दरवाजों को बंद करके चुन दिया गया है और भग्नावशेष के ऊपर मस्जिद नुमा ढांचा निर्मित है।
रिपोर्ट में हुई थी गंगेश्वर मंदिर की पुष्टि
न्यायालय में पेश उनकी रिपोर्ट में साफ तौर पर मस्जिद परिसर में प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष मिलने का दाव किया गया था। इसके साथ ही परिसर के पूरब तट पर हनुमान प्रतिमा, गंगा व गंगेश्वर मंदिर की भी पुष्टि की गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2019 में न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को रडार तकनीक से सर्वे का आदेश दिया था। हालांकि इस मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट का यह निर्णय ही ज्ञानवापी का सच सामने लाने में रोड़ा बन गया था।
अब वजू स्थान पर मिला ‘शिवलिंग’!
फिलहाल ज्ञानवापी परिसर का तीनों चरण का सर्वे पूरा हो चुका है, जिसके बाद हिंदू पक्ष के वकील ने दावा करते हुए कहा है वजू स्थान पर एक शिवलिंग मिला है। साथ ही मंदिर से जुड़े कई अवशेष भी मिले हैं। लेकिन मुस्लिम पक्ष के वकील ने इन दावों को खारिज कर दिया है और कहा है कि वजू स्थान पर मिले जिस चीज को शिवलिंग बात रहे हैं वो फाउंटेन है, जो हर नमाज स्थल पर होता है।
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