नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के मामले में पिछले कुछ सालों में अच्छी प्रगति हुई है और
2022-23 के एसआरएस (नमूना पंजीकरण प्रणाली) के आंकड़ों के अनुसार इनमें 52 अंकों की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने लोकसभा में कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में एक दिन में परिवर्तन नहीं आता है और समय लगता है।
हुड्डा ने राज्य सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि 2011 से दस वर्ष तक हरियाणा में प्रति 1000 लड़कों पर जन्म लेने वाली लड़कियों की संख्या में संतुष्टिपूर्ण सुधार हुआ है, लेकिन पिछले चार-पांच साल में इसमें गिरावट आई है।
उन्होंने अपने गृह जिले रोहतक में इस साल यह आंकड़ा 814 रह जाने का दावा करते हुए सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि एसआरएस के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दुख है कि सदस्य (हुड्डा) मुद्दे को भावनात्मक करने का प्रयास कर रहे हैं और बार-बार हरियाणा सरकार की बात कर रहे हैं।’’
नड्डा ने राज्य में 300 गर्भपात केंद्र बंद होने संबंधी कांग्रेस सांसद के दावे पर उनसे इस दावे सदन में प्रमाणित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकारियों ने 44,263 केंद्रों का निरीक्षण किया और 1011 के पंजीकरण रद्द कर दिए, वहीं एक हजार से अधिक मशीनें जब्त की गईं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘हरियाणा ने बहुत अच्छा काम किया है। एक दिन में परिवर्तन नहीं आता। समाज की सोच बदलने में समय लगता है। सरकार और समाज मिलकर काम कर रहे हैं और परिवर्तन आ रहा है।’’
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी हुड्डा के दावे को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हमें हरियाणा सरकार से जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं, उनमें बताया गया है कि 2014-16 से 2021-23 तक लिंगानुपात में जहां देश में 19 अंकों की वृद्धि हुई है, वहीं हरियाणा में कुल वृद्धि 52 बिंदुओं की है।’’
उन्होंने कहा कि हरियाणा के 22 जिलों में से 17 में सकारात्मक बदलाव आया है, एक जिले में कोई बदलाव नहीं आया और चार जिलों में लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है।
पटेल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने गर्भधारण-पूर्व और प्रसव-पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) को पूरी ताकत से लागू करने के प्रयास किए हैं और इसके लिए कार्यबल बनाया है, जिसके फलस्वरूप लिंगानुपात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
भाषा
वैभव माधव
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