नाहन, पांच दिसंबर (भाषा) हट्टी समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को उन्हें कानूनी रूप से जनजाति का दर्जा देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को सात दिन की मोहलत दी। इसके साथ ही समुदाय के नेताओं ने सिरमौर जिले के शिलाई में विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है।
सिरमौर जिले के ट्रांस गिरी क्षेत्र की 154 पंचायतों के लगभग 3,000 हट्टी निवासी नाहन शहर के मध्य में स्थित ऐतिहासिक चौगान मैदान में एकत्र हुए और हट्टी जनजातीय दर्जा कानून को लागू न करने के विरोध में उपायुक्त कार्यालय तक मार्च निकाला।
अपनी मांग के समर्थन में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
सभा को संबोधित करते हुए, समुदाय के प्रमुख संगठन केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने राज्य सरकार को सात दिनों में हट्टी जनजाति दर्जा कानून लागू करने की समयसीमा दी और घोषणा की कि अगली रैली शिलाई में आयोजित की जाएगी।
शास्त्री ने कहा कि हट्टी आंदोलन 1968 में तब शुरू हुआ जब भारत सरकार ने जौनसार-बाबर को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित किया और उसी क्षेत्र के ट्रांस गिरी क्षेत्र के लोगों को ‘नजरअंदाज’ किया।
शास्त्री ने कहा, हट्टी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के लिए संसद द्वारा संविधान में संशोधन किया गया और इस साल चार अगस्त को राष्ट्रपति ने इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी की। उन्होंने कहा, ‘‘तब से अब तक चार महीने बीत चुके हैं और राज्य सरकार इस अधिसूचना पर कुंडली मारकर बैठी है और इसे लागू नहीं कर रही है।’’
भाषा धीरज पवनेश
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