उच्च न्यायालय ने एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता की 'रहस्यमय' मौत की जांच सीबीआई को सौंपी |

उच्च न्यायालय ने एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता की ‘रहस्यमय’ मौत की जांच सीबीआई को सौंपी

उच्च न्यायालय ने एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता की 'रहस्यमय' मौत की जांच सीबीआई को सौंपी

उच्च न्यायालय ने एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता की ‘रहस्यमय’ मौत की जांच सीबीआई को सौंपी
Modified Date: May 23, 2025 / 10:57 pm IST
Published Date: May 23, 2025 10:57 pm IST

शिमला, 23 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का शुक्रवार को आदेश दिया।

विमल नेगी का शव 18 मार्च को एक झील में रहस्यमय परिस्थितियों में मिला था।

न्यायमूर्ति अजय गोयल की एकल पीठ ने बुधवार को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति गोयल ने नेगी की पत्नी की याचिका स्वीकार कर ली और मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत का यह सुविचारित मत है कि इस मामले में असाधारण स्थिति है, जिसके लिए मामले की जांच सीबीआई से कराने की आवश्यकता है, क्योंकि पुलिस महानिदेशक ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में जांच के तरीके और पद्धति पर गंभीर चिंताएं जताई हैं।’’

नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को मिला था।

उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि पिछले छह महीनों से उनके वरिष्ठ अधिकारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे और उनके साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे थे।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति को बीमार होने के बावजूद देर रात तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।

बुधवार को सुनवाई के दौरान डीजीपी अतुल वर्मा ने एसआईटी की जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। हालांकि महाधिवक्ता अनुप रतन ने एसआईटी जांच का बचाव करते हुए कहा कि यह बिना किसी पूर्वाग्रह के उचित तरीके से की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता (भाजपा) जयराम ठाकुर ने अदालत के इस आदेश का स्वागत किया।

भाषा राजकुमार देवेंद्र

देवेंद्र

लेखक के बारे में