स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना पहचान वाले नमूनों के इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देश जारी किए

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना पहचान वाले नमूनों के इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देश जारी किए

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना पहचान वाले नमूनों के इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देश जारी किए
Modified Date: June 26, 2024 / 10:41 am IST
Published Date: June 26, 2024 10:41 am IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों पर नैदानिक या शल्य चिकित्सा (सर्जिकल) प्रक्रिया के चलते उत्पन्न ‘‘बचे-खुचे और बिना पहचान वाले’’ नमूनों का वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नैतिक इस्तेमाल करने के वास्ते दिशा निर्देश जारी किए हैं।

इन नमूनों में मानव अंग, अंगों के हिस्से, कोशिकाएं, ऊतक, कोशिका उत्पाद जैसे कि रक्त, मूत्र, लार, डीएनए/आरएनए, बाल या अन्य कोशिकाएं, शरीर के द्रव आदि शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में यह कहा है कि ये नमूने किसी मरीज, पोस्टमार्टम, अपशिष्ट, ऊतक बैंक, आईवीएफ क्लीनिक और अंग दान केंद्र समेत अन्य के हो सकते हैं।

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‘वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बचे-खुचे, बिना पहचान वाले/अज्ञात नमूनों के नैतिक इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देशों’ के अनुसार, अस्पतालों में बड़ी मात्रा में उपलब्ध इस तरह के नमूने अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए कीमती संसाधन बन सकते हैं जिनका किसी बीमारी का निदान विकसित करने, नवोन्मेष करने या किट का विकास करने, बीमारी के कारण का पता लगाने और अन्य ऐसे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

बहरहाल, उसने कहा कि अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ये नमूने पूरी तरह बिना पहचान वाले या बचे-खुचे जैविक नमूने हैं जो विशेष रूप से अनुसंधान उद्देश्यों के लिए नहीं रखे गए हैं और नैदानिक उपचार या देखभाल के बाद उन्हें नष्ट किया जाना होता है।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा


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