SC on Pahalgam terrorist attack: पहलगाम हमले की जांच के लिए गठित नहीं होगा न्यायिक आयोग.. SC ने याचिका दायर करने वालों को लगाई कड़ी फटकार

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिका में छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा कोई भी बिंदु उल्लेखित नहीं किया गया था, और यह बाद में सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से जोड़ा गया। इस याचिका को मोहम्मद जुनैद, फतेह कुमार साहू और विक्की कुमार ने संयुक्त रूप से दाखिल किया था।

  •  
  • Publish Date - May 1, 2025 / 02:56 PM IST,
    Updated On - May 1, 2025 / 03:00 PM IST

Hearing in Supreme Court on Pahalgam terrorist attack || Image- ibc24 News File

HIGHLIGHTS
  • सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले पर न्यायिक जांच की मांग को गैर-जिम्मेदार बताया।
  • पीठ ने याचिकाकर्ताओं को देश के प्रति ज़िम्मेदारी निभाने की सख्त नसीहत दी।
  • छात्रों की सुरक्षा मुद्दे पर उच्च न्यायालय में जाने की याचिकाकर्ता को छूट दी गई।

Hearing in Supreme Court on Pahalgam terrorist attack: नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई। इस हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

Read More: Pak New NSA Asim Malik: पाकिस्तान में खलबली.. देर रात लिया गया बड़ा फैसला, ISI चीफ असीम मलिक को दी NSA की जिम्मेदारी

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान स्पष्ट कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर जनहित याचिका दाखिल करते समय पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता बरतनी चाहिए।

“देश के प्रति ज़िम्मेदार बनो”: सुप्रीम कोर्ट

Hearing in Supreme Court on Pahalgam terrorist attack: पीठ ने याचिकाकर्ता वकीलों को फटकारते हुए कहा, “ज़िम्मेदार बनो। देश के प्रति तुम्हारा भी कुछ कर्तव्य है। क्या यही तरीका है? कृपया ऐसा मत करो। एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट का जज कैसे आतंकवाद की जांच में विशेषज्ञ हो गया? हम इस याचिका पर विचार नहीं कर रहे। आप जहाँ चाहें, जा सकते हैं।”

दरअसल याचिका में मांग की गई थी कि कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिए जाएं और हमले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए।

पीठ ने याचिका को खारिज नहीं किया, बल्कि याचिकाकर्ता को दी गई छूट

Hearing in Supreme Court on Pahalgam terrorist attack: सुनवाई के दौरान जब पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों को अव्यावहारिक और गैर-जिम्मेदाराना बताया, तो याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर से बाहर पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता भी मांगी।

इस पर न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से छात्रों के मुद्दे पर याचिका वापस लेना चाहता है। उन्हें यह स्वतंत्रता दी जाती है कि वे यदि चाहें तो छात्रों की सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे के लिए संबंधित उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।”

Hearing in Supreme Court on Pahalgam terrorist attack: हालांकि पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिका में छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा कोई भी बिंदु उल्लेखित नहीं किया गया था, और यह बाद में सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से जोड़ा गया। इस याचिका को मोहम्मद जुनैद, फतेह कुमार साहू और विक्की कुमार ने संयुक्त रूप से दाखिल किया था।

Read Also: Mayawati on Caste Census: जातिगत जनगणना के फैसले पर ‘BSP चीफ मायावती की प्रतिक्रिया.. कहा, “लंबे विलंब के बाद सही दिशा में उठाया गया कदम”

1. सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम हमले की जांच की मांग वाली याचिका पर क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मामलों में ज़िम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए।

2. क्या सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी?

नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज नहीं की बल्कि याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की अनुमति दी और यह स्वतंत्रता दी कि वे छात्रों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

3. याचिका में क्या मांग की गई थी?

याचिका में पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश देने की अपील की गई थी।